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धार: मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य कर्मी के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है. धार जिले में लोगों की जान बचाने में लगे डॉक्टर के साथ सिस्टम की बेरहमी की खबर सुर्खियों में है. ये डॉक्टर 5 महीने के अंदर कोरोना संक्रमण के चलते अपनी मां और चाचा समेत 5 रिश्तेदारों को खो चुका है. इस वक्त भी डॉक्टर की दो बेटियां कोरोना पॉजिटिव हैं और मुश्किल की इस घड़ी में डॉक्टर का तबादला दूसरे जिले में कर दिया गया है. 

डॉक्टर नरेंद्र पवैया की मानें तो उनका ट्रांसफर इसलिए किया गया है क्योंकि उन्होंने एडीएम के व्यवहार को लेकर कलेक्टर से शिकायत की थी. वहीं एडीएम इस आरोप को साफ-साफ नकार दिया है. 

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डॉ. नरेंद्र पवैया का कहना है कि पिछले 5 महीने में मेरी मां समेत 5 लोगों का निधन हो चुका है. मेरी दो बेटियां भी पॉजिटिव हैं. महामारी के इस दौर में मुझे आलीराजपुर जिले में भेजा जा रहा है जो किसी प्रताड़ना से कम नहीं है. मेरा दोष इतना था कि हमने अधिकारी के व्यवहार को लेकर कलेक्टर से बातचीत की थी.जिसके बाद अधिकारी ने राज्य शासन को मेरी मौखिक शिकायत की और 3 दिन बाद मेरा ट्रांसफर का आदेश आ गया.

फिर धार में ज्वाइन किया ही था कि फिर मेरा ट्रांसफर आलीराजपुर कर दिया गया. जिसपर कलेक्टर धार ने 24 अप्रैल को स्वास्थ्य आयुक्त भोपाल को पत्र लिखकर मेरी सेवा धार में रखी जाने को कहा. लेकिन सैंपलिंग और टीकाकरण का प्रभार देखते हुए कलेक्टर ने रिलीव नहीं किया था. 

हालांकि मामले में एडीएम सलोनी सिडाना का कहना है कि इस विभागीय प्रक्रिया में उनका कोई लेना-देना नहीं है.

बताया जा रहा है कि एडीएम सलोनी सिडाना ने आयुष्मान कार्ड बनाने में की गति कम होने को लेकर डॉक्टरों के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया था. जिसके बाद डॉक्टरों ने उनपर बुरा व्यव्हार करने का आरोप लगाया था. डॉक्टर का कहना है कि एडीएम ने डॉक्टरों को ट्रांसफर लेने की धमकी दी थी. जिसके बाद 22 फरवरी को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था. 

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