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Sardarshahar: शहर के दो युवाओं ने कोरोना काल (Coorna Time) में समाज में एक बड़ी मिसाल पेश की है. बात कर रहे हैं सरदारशहर के वार्ड 19 निवासी पवन कुमार सारण (Pawan Kumar Saran) और उनके दोस्त राम कुमार सारण (Ram Kumar) की.

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आज से लगभग 20 दिन पहले कोरोना से संदिग्ध व्यक्तियों की प्रतिदिन 10 से ज्यादा मौतें हो रही थी. ऐसे में मृतकों के शवों को कोई हाथ लगाने वाला नहीं था. यहां तक की उनके परिजन भी शवों के पास जाने से डरते थे. उनको गांव या शमशान घाट तक ले जाने के मनमानी रकम एंबुलेंस वाले लेते थे या फिर घंटों तक एंबुलेंस ही नहीं मिलती थी.

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ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती शवों को श्मशान घाट तक पहुंचाने की थी. ऐसे में जब अखबारों में पवन सारण ने यह खबर पढ़ी तो वह अपनी पिकअप लेकर उपखंड कार्यालय पहुंच गए और उपखंड अधिकारी रीना छिंपा से मिलकर अपनी पिकअप से शवों को श्मशान घाट छोड़ने की इच्छा जाहिर की.

उपखंड अधिकारी ने दी इजाजत
उपखंड अधिकारी ने तुरंत हामी भरते हुए पवन सारण को इस कार्य के लिए तुरंत अनुमति प्रदान की, जिसके बाद पवन सारण लगातार दिन रात घरों से, राजकीय अस्पताल से और मिलाप भवन कोविड केयर सेंटर से कोरोना पॉजिटिव मृतक और संदिग्ध मृतकों को आज तक श्मशान घाट पहुंचा रहे हैं लेकिन लगातार 24 घंटे कार्य करना किसी के बस की बात नहीं, इसलिए उनके साथ आए उनके दोस्त राम कुमार सारण. फिर क्या था अब दिन में राम कुमार सारण शवों को पिकअप से श्मशान घाट तक पहुंचाते हैं. दोनों युवा अब तक 50 से ज्यादा शवों को मोक्ष धाम पहुंचा चुके हैं. 

क्या कहना है उपखंड अधिकारी का
उपखंड अधिकारी रीना छिंपा ने बताया कि पवन सारण और राम कुमार सारण जैसे युवाओं के हौसले को वह सलाम करती हैं और नतीजा यह है कि अब धीरे-धीरे मृतकों की संख्या में बहुत कमी आ चुकी है. उपखंड अधिकारी रीना छिंपा ने कहा कि पूरा प्रशासन इन दोनों युवाओं का ऋणी रहेगा. 

क्या कहना है पवन कुमार सारण का 
पवन कुमार सारण का कहना है कि अगर यह जिंदगी किसी के काम आ जाए तो उसका यह जीवन सफल हो जाएगा. पवन कुमार सारण कोरोना काल जैसी विषम परिस्थितियों में जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाना मिलाप भवन में भर्ती मरीजों को मास्क और सैनिटाइजर वितरित करना जैसे कार्य लगातार कर रहे हैं. 

पूरे शहर भर में हो रही तारीफ
पवन कुमार सारण और राम कुमार सारण की आज शहर में हर कोई सराहना कर रहा है और इन जैसे युवाओं के जज्बे का ही नतीजा है कि एक बार फिर मृत्यु के आंकड़ों सहित पॉजिटिव के आंकड़ों में भी अब भारी कमी देखने को मिल रही है.

Reporter- Manoj Prajapat