नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) यूरोपियन यूनियन के 27 देशों के सम्मेलन में शामिल हुए. इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने कहा भारत ने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) भेजकर मानवता की सेवा की है. मैक्रों ने साफ कहा, वैक्सीन पर दुनिया भारत को लेक्चर न दे. इस दौरान तमाम देशों ने कोरोना काल में भारत से मिली मदद की सराहना की.

पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने की मेजबानी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने यूरोपीय यूनियन (EU) के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के निमंत्रण पर विशेष आमंत्रित के रूप में यूरोपीय परिषद की बैठक में भाग लिया. भारत-यूरोपीय यूनियन के नेताओं की बैठक की मेजबानी पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने की. बैठक में Covid-19 महामारी और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोग, स्थायी और समावेशी विकास को बढ़ावा देने, भारत-यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई.

EU के कई नेताओं ने की भारत की तारीफ
भारत ने EU के सदस्य देशों के तरफ से की गई मदद के लिए उनकी तारीफ की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इस सहयोग से दोनों के रिश्ते और बेहतर होंगे. प्रधानमंत्री ने कोरोना के इलाज और टीके से संबंधित इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी से संबंधित ट्रेड के लिए EU लीडरशिप से आगे आने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान EU नेताओं से वैक्सीन के पेटेंट पर छूट की अपील की. शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ के कई नेताओं ने पिछले साल चिकित्सा आपूर्ति के लिए व्यक्तिगत रूप से भारत को धन्यवाद दिया. 

‘भारत को वैक्सीन पर कोई उपदेश न दे’
फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि भारत को वैक्सीन की आपूर्ति के बारे में ‘किसी से उपदेश सुनने की आवश्यकता नहीं है.’ उन्होंने कहा कि भारत ने मानवता के लिए टीकों का काफी निर्यात किया. स्पेन के पीएम पेड्रो सेंचेज ने भी पिछले साल भारत से मिली मदद की सराहना की.

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PM का पुर्तगाल जाने का था कार्यक्रम
बता दें कि प्रधानमंत्री का भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक में हिस्सा लेने पुर्तगाल जाने का कार्यक्रम था लेकिन देश में कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी और दोनों पक्षों ने डिजिटल माध्यम से बैठक करने का निर्णय किया. यूरोपीय संघ, भारत के लिये सामरिक रूप से महत्वपूर्ण समूह है और यह 2018 में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी रहा है. यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2018-19 में 115.6 अरब डालर था जिसमें निर्यात 57.17 अरब डालर और आयात 58.42 अरब डालर रहा.

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