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Jaipur/  Accident  Claim Insurance: आज भी सरकार की तमाम सख्ती के बावजूद कई ऐसे लोग हैं जो बिना ड्राइविग लाइसेंस के ही गाड़ी चलाते हैं. लेकिन कोई हादसा या दुर्घटना बता कर नहीं होती लिहाजा ऐसे में बीमा कंपनी क्लेम देने से हाथ खड़ा कर देती है. लेकिन अब एक ऐसे ही मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी क्लेम देने का आदेश सुनाया है.जयपुर जिले की एमएसीटी कोर्ट ने कहा है कि दुर्घटना में शामिल व्यक्ति के पास वाहन लाइसेंस नहीं होने पर भी तृतीय पक्ष को मुआवजे से वंचित नहीं किया जा सकता.

बीमा कंपनी क्लेम राशि अदा कर बाद में उसे मोटरसाइकिल मालिक से पे-रिकवर के आधार पर वसूल कर सकती है. इसके साथ ही अदालत ने दुर्घटना में मारे गए युवक के आश्रितों को आठ लाख 45 हजार रुपए छह फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश गोविन्द और अन्य की क्लेम याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि 12 नवंबर 2015 को संजय, बंटी के साथ उसकी मोटरसाइकिल पर बैठकर मानसरोवर से गुजर रहा था. रात करीब आठ बजे महारानी गार्डन के सामने एक अन्य मोटर साइकिल से उनकी टक्कर हो गई. दुर्घटना में संजय की मौत हो गई.

याचिका में कहा गया कि मृतक प्रतिमाह करीब बीस हजार रुपए कमा कर परिवार का गुजारा करता था. दुर्घटना में शामिल दोनों वाहन बीमित थे. इसलिए उन्हें बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति दिलाई जाए. वहीं बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि दुर्घटना में शामिल एक मोटरसाइकिल चालक के पास लाइसेंस नहीं था. ऐसे में बीमा कंपनी क्लेम देने के लिए जिम्मेदार नहीं है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मोटर साइकिल चालकों की अंशदायी अपेक्षा मानते हुए दोनों बीमा कंपनियों को आधी-आधी राशि अदा करने को कहा है. वहीं क्लेम राशि वाहन मालिक से पे-रिकवर के आधार पर वसूली जा सकती है.

Reporter- Mahesh Pareek

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