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Jaipur: जयपुर में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए अलग-अलग स्तर पर काम किया जा रहा हैं. अगले दो सप्ताह बहुत चिंताजनक हैं इसलिए क्षेत्र विशेष में संक्रमण की स्थिति के आधार पर मुकाबले की रणनीति बनाई जा रही हैं.

इसके साथ ही, अब डोर टू डोर सर्वे, टेस्टिंग, डेटा विश्लेषण, माइक्रो प्लानिंग और सजगता से कोविड का आंकड़ा नीचे लाने के लिए प्लानिंग की जा रही है. जयपुर जिला प्रभारी सचिव और जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने जयपुर जिले में शहरी और ग्रामीण इलाकों में कोविड संक्रमण के प्रसार की ताजा स्थिति, इसके प्रबंधंन और रोकथाम के संबंध में जिला कलेक्टर अन्य अधिकारियों से जानकारी ली.

एसीएस ने सभी अधिकारियों को जिले में पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम करने की दिशा में काम करने को कहा है. पंत ने कहा कि पूरे राज्य में सर्वाधिक संक्रमित जयपुर जिले में हैं. इस समय जयपुर जिले की पॉजिटिविटी दर 20 प्रतिशत है जिसे 5 प्रतिशत से कम करने की दिशा में काम करना होगा. जिले में कोरोना के प्रसार के ग्राफ के जरिए इसके ट्रेंड पर नजर बनाए रखनी होगी.

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उन्होंने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए इसी ट्रेंड के अनुरूप एक्शन लेने होंगे. पंत ने कहा की रोजाना ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लिए जा रहे RTPCR या रेपिड टैस्ट सैंपल में से पॉजिटिवी आ रहे मरीजों के डेटा के आधार पर क्षेत्र या इलाके विशेष की कोरोना संक्रमण पॉजिटिविटी निकाली जाए.

उन्होंने निर्देशित किया कि इस डेटा में सरकारी और निजी सभी स्तरों पर हो रही सैंपलिंग का डेटा शामिल किए जाए. इससे ग्रामीण अथवा शहरी एवं जयपुर शहर में भी अधिक प्रसार वाले स्थान चिन्हित कर संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए माइक्रो प्लानिंग की जाए.

उन्होंने कहा कि हर स्थिति में सम्पूर्ण जयपुर जिले में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में आईएलआई और कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों का पता लगाने के लिए अगले एक सप्ताह ने डोर-टू-डोर सर्वे का एक दौर पूरा कर लिया जाए. इस दौरान संभावित रोगियों को मेडिकल किट देकर त्वरित उपचार शुरू कर सीएचसी पर स्थापित कोविड कन्सल्टलेशन और केयर सेंटर पर जाने के लिए जागरूक करें.

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पंत ने शहरी क्षेत्र में हर पीएचसी पर सर्वे टीमों की संख्या दोगुनी करते हुए 12 से 15 टीमें इस कार्य के लिए लगाने के निर्देश दिए.