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Jaipur/Delhi: चंद्र-ग्रहण को वैज्ञानिक दृष्टि से जहां एक विशेष खगोलीय घटना माना जाता है, वहीं, धर्म और ज्योतिषीय गणनाओं की दृष्टि में चंद्रग्रहण एक बहुत महत्वपूर्ण घटना होती है, जो पूरी प्रकृति के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से भी हमें प्रभावित करती है.

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ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, चंद्रग्रहण हमेशा केवल पूर्णिमा के दिन ही होता है है, चंद्रमा को जगत का मन कहा गया है और ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है, इसलिए चंद्रग्रहण का समय निश्चित रूप से वातावरण में मानसिक उद्वेग का तो होता ही है पर भौगोलिक सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से भी ग्रहण काल को एक संघर्ष उत्पन्न करने वाला समय ही माना गया है.

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कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच चंद्र ग्रहण को लेकर लोग बेहद चिंतित दिखाई दे रहे हैं और देश के अलग-अलग ज्योतिषाचार्य भी चंद्र ग्रहण को लेकर अपनी गणनाएं कर रहे हैं.

तीन घंटे का ये होगा चंद्रग्रहण
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार, आने वाले 26 मई बुधवार के दिन खग्रास चंद्रग्रहण होगा, ग्रहण का आरम्भ दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर होगा और मोक्ष शाम 6 बजकर 23 मिनट पर होगा यानी के दोपहर सवा तीन बजे से शाम को 6:23 तक लगभग तीन घंटे का ये चंद्रग्रहण होगा, लेकिन विशेष बात ये है के इस पूरे समयकाल में भारत में चंद्रोदय ही नहीं होगा, जिस कारण भारत में लगभग सम्पूर्ण भाग में ये ग्रहण दृश्य ही नहीं होगा. शास्त्रों के अनुसार जिस स्थान पर ग्रहण दिखाई नहीं देता, वहां मान्य नहीं होता और ग्रहण का सूतक भी नहीं लगता, हालांकि भारत के पूर्वी भाग में 18 मिनट के लिए ये ग्रहण दिखेगा बाकि पूरे भारत में कहीं भी ये ग्रहण इतने समय के लिए भी नहीं दिखेगा, इसलिए 26 मई का ये चंद्रग्रहण भारत में मान्य नहीं होगा और ग्रहण का सूतक भी नहीं लगेगा, लेकिन हां ग्रहण भारत में दृश्य और मान्य ना होने पर भी समाज पर इसका सामाजिक, मानसिक से और भौगौलिक प्रभाव अवश्य पड़ेगा. 

26 मई को होने वाले चंद्रग्रहण का प्रभाव 
लोगों को मानिसक समस्याएं बढ़ेंगी, अधिकांश लोगों में घबराहट, ओवर थिंकिंग, नकरात्मक विचार, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन की स्थिति बनेगी और 26 तारीख के आस पास के दिनों में ये चीजें ज्यादा हावी होंगी, इसलिए अगले लगभग 15 दिनों के समय में आपको अपनी मानसिक स्थिति और बिहेवियर पर बहुत ज्यादा नियंत्रण रखना होगा नकारात्मक विचारों से बचना होगा, इस समय में अपने घर परिवार में किसी के साथ बहस या आर्ग्युमेंट्स करना आपके जीवन में बड़ी समस्यायों को बढ़ा सकता है, इसलिए अपने आप को शांत रखें, वर्तमान कोरोना की सिचुएशन के कारण जो लोग पहले से ही एंग्जायटी और डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं वे सभी लोग अगले 15 दिन ओवर थिंकिंग और नकारात्मक विचारों से विशेष रूप से बचें और आगे बताये गए उपाय अभी से शुरू कर दें. इसके अलावा ये ग्रहण जल तत्व राशि में बन रहा है, इसलिए अतिवर्षा, आंधी तूफ़ान, और भूकंप जैसी स्थितियां आगे अगले एक माह के अंदर कई बार बनेंगी और सामाजिक और राजनैतिक दृष्टि से भी बड़ी उठा पटक की स्थिति अगले कुछ महीनों में बन सकती है. 

वृश्चिक राशि” और अनुराधा नक्षत्र में बनेगा ये चंद्रग्रहण 
अगर बारह राशियों की दृष्टि से देखें तो ये चंद्रग्रहण “वृश्चिक राशि” और अनुराधा नक्षत्र में बनेगा इसलिए मुख्य रूप से वृश्चिक राशि के लोगों पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव होगा. इसके अलावा मेष, सिंह और धनु राशि के लोगों के लिए भी ये ग्रहण विशेष रूप से प्रभावित करेगा.

ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार, इस चंद्रग्रहण का बारह राशियों पर प्रभाव कुछ इस प्रकार होगा-
मेष राशि –  संघर्ष उत्पन्न होगा, स्वास्थ समस्याएं बढ़ेंगी.
वृष राशि – वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ेगा विवादों से बचें. 
मिथुन राशि – स्वास्थ में उतार चढ़ाव आएगा, आर्ग्युमेंट्स हो सकते हैं. 
कर्क राशि – पेट की समस्याएं होंगी, संतान पक्ष के साथ डिस्प्यूट्स से बचें. 
सिंह राशि – पारिवारिक विवाद बढ़ेंगे, अतः अपने व्यवहार नियंत्रण रखें. 
कन्या राशि – छोटे भाई बहनों से आर्ग्युमेंट्स हो सकते हैं इससे बचें .
तुला राशि – आर्थिक समस्या बढ़ेगी, सम्बन्धियों से विवाद बढ़ सकते हैं.  
वृश्चिक राशि – मानिसक और शारीरिक दोनों समस्याएं बढ़ेंगी, नकारात्मक विचारों से बचें. 
धनु राशि – धन हानि हो सकती है आर्थिक लेन देन में सावधानी रखें. 
मकर राशि – बड़े भाई बहनों से वाद विवाद हो सकते हैं इससे बचें 
कुम्भ राशि – ऑफिशियल प्रॉब्लम्स बढ़ सकती हैं. अपने सीनियर्स से आर्ग्युमेंट्स ना करें.  
मीन राशि – आपके कार्यों में अड़चने बढ़ेंगी, मानसिक तनाव के साथ काम पूरे होंगे.

इस चंद्रग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए अभी से ये उपाय शुरू करें –
1. ॐ सोम सोमाय नमः का एक माला अर्थात 108 बार रोज जाप करें. 
2. दूध, चावल, बूरा और अन्य सफ़ेद खाद्य पदार्थों का दान करें. 
3. महामृत्युंजय मंत्र का भी सामर्थ्यानुसार रोज जाप करें. 
4. अपने इष्ट मंत्र का जाप करें.
5. हनुमान चालीसा और संकट मोचन का प्रतिदिन पाठ करें.