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Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि पिछली बार की तरह इस बार फिर से कॉन्फिडेंस के साथ कोरोना की चुनौती का सामना करें. देश के सभी राज्यों के साथ नियमित तौर पर संवाद करें और एकरूपता के साथ पूरे देश में लॉकडाउन लगाएं. 

लॉकडाउन ही संक्रमण से बचाव का विकल्प
सीएम ने कहा कि देश में जो हालात है वह चिंताजनक है, इस स्थिति का सामना लॉकडाउन के जरिए ही किया जा सकता है. केवल गुजरात उत्तराखंड ही ऐसे स्टेट है जहां लॉकडाउन नहीं लगाया गया है. अगर केंद्र सभी जगह लॉक डाउन लगाएगी तो देश में कोरोना की चुनौती से निपटने में एकरूपता और सरलता भी आएगी.

संसाधन जुटा लेना नाकाफी
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कांफ्रेंस के जरिए श्रीगंगानगर चित्तौड़गढ़ में मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास के दौरान संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा वर्तमान में दवाइयों और ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. मैंने पीएम से भी आग्रह किया था कि हम कितने भी संसाधन जुटा लें, वो नाकाफी ही साबित होंगे. हमें संक्रमण के चेन को तोड़ना होगा.

संसाधनों की शिकायत को राजनीति ना समझा जाए
मुख्यमंत्री ने कहा 13 महीने से लगातार डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ मेहनत कर रहे हैं. लेकिन इसकी भी एक सीमा है. अभी मानवता को बचाने के लिए जंग है. इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. अगर हम केंद्र से संसाधनों को लेकर शिकायत करें तो इसे राजनीति नहीं समझा जाए.

योजना 90:10 के हिसाब से मिले
अशोक गहलोत ने कहा राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य के महत्व को समझा है. राजस्थान को 15 मेडिकल कॉलेज मिले हैं. लेकिन 3 जिले ऐसे हैं जहां अभी भी यह सौगात मिलनी बाकी है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा राजस्थान की भौगोलिक स्थिति या अन्य राज्यों से अलग है. राजस्थान में कॉस्ट ऑफ डिलीवरी ज्यादा है. लिहाजा यहां पर स्कीम 90 अनुपात 10 के रेशियो में मिलनी चाहिए.

एक्टिव मामलों के आधार पर संसाधन मिले
सीएम ने कहा हमने यहां पर दवाई और जांच फ्री शुरू करके एक नई पहल की. इस बार हमने ‘निरोगी राजस्थान योजना’ शुरू की. लेकिन कोरोना के आने से हमारी प्राथमिकता बदल गई है. केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन व दवाइयों का वितरण अपने हाथ में लिया है. लेकिन इसका नियमित तौर पर ऑडिट होना चाहिए. राजस्थान को उसके एक्टिव मामलों के आधार पर संसाधन मिलने चाहिए.

गांव में संक्रमण रोकना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा वैक्सीनेशन में राजस्थान टॉप पर था. लेकिन वैक्सीन की सप्लाई कम हुई और हमने जब यह मुद्दा उठाया तो राजस्थान के कुछ लोगों ने इसे अन्यथा के तौर पर लिया और इसे शिकायत समझा. सीएम ने कहा अगर गांव में संक्रमण नहीं रुका तो केवल मीटिंग करते रह जाएंगे. मीडिया को लोगों को जागरूक करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए.

फ्री वैक्सीनेशन की तरफ सरकार दे ध्यान
उन्होंने कहा  मैंने प्रधानमंत्री से सभी को फ्री वैक्सिंन की मांग की थी लेकिन मेरी मांग नहीं मानी गई. पीएम को इस संबंध में पुनर्विचार करना चाहिए. DRDO ने राजस्थान को जो प्लांट ऑक्सीजन के दिए है वह कम है उनकी संख्या बढ़ाई जाए. ऑक्सीजन का अलॉटमेंट नजदीक के राज्यों से किया जाए.

केंद्र देश में लागू करे योजना
सीएम ने कहा अब वक्त आ गया है जब सामाजिक सुरक्षा को लेकर राज्यों की प्राथमिकता हो. हमने इसी मकसद के साथ देश प्रदेश में चिरंजीवी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है. केंद्र भी इस योजना को देश भर में लागू करे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा 1 साल से पूरा देश विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है. हमने पूरी निष्पक्षता से सभी राज्यों को मदद की है. पीएम भी 1 दर्जन से अधिक बार सीएम से चर्चा कर चुके हैं. 426 करोड़ का कोई कोविड फंड राजस्थान को दिया गया था. हमारे पास जितनी संभावना है, उसकी मदद की जा रही है. देश में अब तक 31 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं. 

स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा राज्य चिकित्स मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा के कामकाज की सराहना की. चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने केंद्र से राजस्थान के लिए ऑक्सीजन और दवाइयों के कोटे को बढ़ाने की मांग की.