Bokaro: बोकारो जिले के चास प्रखंड के कुर्रा गांव की लगभग अच्छी खासी आबादी की इन दिनों सिजनली तबीयत खराब होने या वैसे भी बीमार होने पर गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने से गांव के लोगों में सरकार और जिला प्रशासन के प्रति नाराजगी है.
उनका कहना है कि ‘गांव को जिला प्रशासन ने डीजी गांव घोषित किया है. मगर डीजी गांव क्या होता है यह हम लोगों को मालूम ही नहीं है. गांव में कोई सुविधा हम लोगों के लिए नहीं है. यहां तक की स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में हम लोगों को गवई डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है. गांव में स्वास्थ्य केंद्र भी है लेकिन यह बंद पड़ा रहता है. ना ही यहां डॉक्टर आते हैं और ना ही नर्स.’
ये भी पढ़ें- Jharkhand: रिम्स में मिले ब्लैक फंगस के 18 मामले, BJP बोली- सरकार के पास योजना नहीं, जनता भुगत रही परिणाम
उन्होंने आगे कहा कि ‘तबीयत खराब होने पर गवई डॉक्टर के भरोसे रहना पड़ता है. कई बार गलत दवा लेने से लोगों को ज्यादा बीमार होने पर प्राइवेट डॉक्टरों या फिर 30 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल जाना पड़ता है.’
वहीं, गांव के ही एक ग्रामीण का कहना है कि ‘गांव में कई लोग घरों में बीमार हैं और पिछले एक डेढ़ महीनों में एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, इन मौतों में ज्यादातर लोग वृद्ध हैं.’
ऐसे में जिला प्रशासन को भी इस गांव की ओर ध्यान देते हुए जल्द से जल्द ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य सुविधा दुरुस्त करने की जरूरत है. ताकि लोग गांव में ही रह कर अच्छे चिकित्सक से अपना उपचार करा सके.
(इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा)