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नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लोगों ने आम जनता को बहुत नुकसान पहुंचाया है. अब तक लाखों परिवार अपनों को खो चुके है. लोगों को अब और ज़्यादा नुकसान ना हो इसलिए समय समय पर सरकार ने गाइडलाइन्स जारी की है. कोरोना वायरस के फैलने के तरीके को लेकर केंद्र सरकार ने एक नई गाइडलाइन जारी की है. इसमें एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स से कोरोना वायरस फैलने की बात कही गई है.

क्या है गाइडलाइंस
गाइडलाइन्स को ध्यान से पढ़कर उसे जीवन में उतारना बहुत जरूरी है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. मुंह-नाक से निकलने वाली छींटें ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल के रूप में वायरस को एक से दूसरे व्यक्ति में फैलाने का काम करती है. इसकी वजह से बंद जगहों पर संक्रमण तेजी से फैल जाता है.
वेंटीलेशन और खुली जगहों को खास महत्व दिया गया है. इसमें अस्पतालों और हेल्थ सेंटर से इस बात का भी ध्यान रखने को कहा गया है कि वैक्सीनेशन का काम अच्छी तरह से वेंटिलेटेड वाली जगहों पर ही किया जाए.
लंबे समय से वैज्ञानिक भी इस बात का दावा करते आए हैं कि ड्रॉपलेट्स के जरिए कोरोना वायरस हवा में मौजूद रहता है जो दूसरे व्यक्तियों को भी संक्रमित कर देता है.                    
ये वायरस खराब वेंटिलेटेड और भीड़भाड़ वाली बंद जगहों पर देर तक बैठने वाले लोगों में भी फैल सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एयरोसोल हवा में बने रहते हैं और लंबी दूरी तक फैल जाते हैं.
केंद्र द्वारा जारी एडवाइजरी में भी कहा गया है कि एयरोसोल हवा में 10 मीटर तक की दूरी तय कर सकते हैं.                                                                                                                                                                         

WHO का दावा
Covid-19 रोकने में WHO ने भी वेंटिलेशन की भूमिका अहम बताई है. मई के शुरूआत में WHO की तरफ से कहा गया था कि मौजूदा साक्ष्य बताते हैं कि वायरस मुख्य रूप उन लोगों के बीच फैलता है जो एक-दूसरे के नजदीकी संपर्क में रहते हैं.
कोई व्यक्ति वायरस से भरे इन ड्रॉपलेट और एयरोसोल के संपर्क में आता है तो वो आंख, नाक और मुंह के जरिए संक्रमित हो सकता है.
एक स्टडी में कहा गया कि घर के अंदर की साफ हवा ना सिर्फ महामारी से लड़ने में मदद करती है बल्कि ये फ्लू या फिर किसी फिर किसी भी श्वसन संक्रमण के फैलने के खतरे को भी कम करती है. बीमारियों से बचने के लिए इमारतों में वेंटिलेशन और फिल्ट्रेशन होना जरूरी है. इसके लिए वैज्ञानिकों ने WHO से हवा में फैलने वाले रोगाणुओं को रोकने के लिए इनडोर एयर क्वालिटी पर एक गाइडलाइन भी जारी करने को कहा है.                                        

घर में वेंटिलेशन के लिए क्या करें
पंखे को इस तरह से लगाने से बचें जिससे दूषित हवा सीधे तौर पर किसी की तरफ जाए.
किचन में एग्जॉस्ट फैन लगाना जरूरी है.
गांवों में कच्चे मकान में जहां क्रॉस वेंटिलेशन की सुविधा नहीं है वहां एग्जॉस्ट फैन के फैन चला कर ही रखें.

ऑफिस में वेंटिलेशन क्यों जरूरी
खिड़कियों और दरवाजों को बंद रखते हुए AC चलाने से संक्रमित हवा पूरे एरिया में फैल जाती है.इससे एक से दूसरे में संक्रमण का खतरा बढ़ा जाता है.
AC चलाते समय ऑफिस की खिड़की या दरवाजों को थोड़ा खुला रखें ताकि बाहर से ताजी हवा अंदर आ सके.                                                    
जिन जगहों में सेंट्रलाइज्ड AC का इस्तेमाल होता है जैसे कि ऑफिस, ऑडिटोरियम, शॉपिंग माल्स वहां रूफ वेंटिलेटर्स और फिल्टर्स पर ध्यान देना चाहिए. इन फिल्टर्स की नियमित रूप से सफाई होनी चाहिए
                                                                                                                   
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में वेंटिलेशन कैसे हो
ट्रांसपोर्ट वाहनों में हवाओं का क्रॉस फ्लो होना जरूरी है.
बसों और ट्रेनों की खिड़कियां खुली होनी चाहिए.  
AC वाले बस या ट्रेन में वायु प्रवाह बेहतर करने के लिए एग्जॉस्ट सिस्टम शुरू करना चाहिए.
ये सभी ऐसी गाइडलाइन्स है जिनको अपनाने से काफ हद तक संक्रमण फैलने से रोका जा सकेगा तो आप लोग भी अपने घर ऑफिस या किसी अन्य जगह पर है जहां ज़्यादा भीड़ भाड़ है तो एहतियात बरते वरना नुकसान आपका ही होगा. कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करें ताकि आप सुरक्षित रहे. आपका घर सुरक्षित रहे और समाज के साथ देश सुरक्षित हो सके. ये लड़ाई आपको और हमें मिलकर लड़नी है.

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