Patna: बिहार में कोरोना का कहर जारी है. सरकार इस महामारी से निपटने के लिए कठोर से कठोर फैसला ले रही है. वहीं, संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में एम्स पटना में ड्यूटी लगाए जाने के बाद तीन मजिस्ट्रेट अपनी ड्यूटी से गायब रहे.
इस संबंध में सूचना मिलने पर व निरीक्षण में सही पाए जाने के बाद तीनों सरकारी अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. इन सभी की पटना के एम्स अस्पताल में विधि- व्यवस्था देखने के लिए तैनाती की गई थी.
इस संबंध में जिला नियंत्रण कक्ष के विशेष कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि इन तीनों सरकारी अधिकारी के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 व आइपीसी की धारा 188 के तहत फुलवारीशरीफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
ये भी पढ़ें- जब नाराज शहाबुद्दीन को मनाने सीवान पहुंचे थे लालू यादव
कोरोना महामारी के दौरान अपनी ड्यूटी से गायब रहने की वजह से तीनों मजिस्ट्रेट के खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब है कि बिहार सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए राज्य में 15 मई तक लॉकडाउन लगा दिया है.
सरकार ने इस दौरान सरकारी अधिकारियों से ईमानदारी पूर्व अपनी ड्यूटी निभाने का आग्रह किया है. लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने का भी निर्देश दिया गया है.
साथ ही राज्य सरकार के सभी कर्मियों के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि कोरोना महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में यदि ड्यूटी पर रहने के दौरान किसी कर्मचारी की मौत होती है तो उसके परिवार के आश्रितों को नौकरी व पेंशन दिया जाएगा.
ज्ञात हो कि पहले यह सिर्फ ये घोषणा सिर्फ स्वास्थ्य सुविधा में लगे राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए थे. लेकिन, अब बिहार सरकार ने राज्य के सभी विभागों के कर्मचारियों के लिए यह सितंबर तक के लिए लागू कर दिया है.