नई दिल्ली: भारत कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave India) से जूझ रहा है. देश के बाकी हिस्सों की तरह राजधानी दिल्ली (Delhi Corona Crisis) भी इससे अछूती नहीं है. कोरोना का दंश ऐसा है कि कोरोना संक्रमण की वजह से हुई मौत के बाद कुछ लोगों को आखिरी सफर में चार कंधे में नसीब नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत होता है. ऐसी मुश्किल घड़ी में जब लोग परेशान हैं तो दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के एक एएसआई मानवता की मिसाल बन गए हैं.
हिम्मत को सलाम
दिल्ली पुलिस के निज़ामुद्दीन थाने में काम करने वाला 57 साल के एएसआई राकेश कुमार (ASI Rakesh Kumar) की हिम्मत और जज्बा बेमिसाल है. राकेश की ड्यूटी 11 अप्रैल से लोधी रोड के श्मसान घाट में लगाई गई है. उन्होंने 13 अप्रैल से उन लोगों की मदद का बीड़ा उठाया लिया जिनका साथ उनके अपने भी नहीं दे पाए. दरअसल 13 अप्रैल से अब तक राकेश ने 1100 से अधिक लोगों के अंतिम संस्कार कराने में मदद की है. पार्थिव देह को कंधा देने, चिता लगाने, से लेकर फूल चुनने तक में वो लोगों की मदद कर रहे हैं.
डर की वजह से नहीं मिल रहे लोग
एएसआई राकेश ने इस दौरान खुद, 50 से ज्यादा लोगों के अंतिम संस्कार भी किये हैं. कोरोना के इस समय कई ऐसे लोग है जिनके अपने साथ नहीं होते हैं. वहीं कुछ लोग सिर्फ एक या दो लोगो के साथ ही होते है. ऐसे लोग जब श्मसान मे पहुंचते है तो राकेश उनकी मदद करते है. क्योंकि कई लोग तो कोरोना संक्रमण के डर से आते ही नहीं हैं.
बेटी की शादी फिलहाल रोकी
राकेश का कहना है कि लोधी रोड शमशान में हर रोज 55 से 60 लोगों का अंतिम संस्कार रोज हो रहा है. ऐसे वक्त में वो अपनी ड्यूटी में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं. इसलिये उन्होंने आज 5 मई को अपनी बेटी की होने वाली शादी को भी फिलहाल के लिए कैंसिल कर दिया.
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