Jodhpur: पाकिस्तान (Pakistan) में धार्मिक अत्याचार (Religious persecution) से परेशान होकर पाक विस्थापित (Pakistan displaced) हिंदू परिवार पाकिस्तान से पलायन कर हिंदुस्तान में इन उम्मीद के साथ आए की आगे का जीवन अपने परिवार के साथ आराम से गुजर-बसर करेंगे. अब देश में फैला कोरोना का संक्रमण इन पाक विस्थापित परिवारों के लिए काल बन रहा है.
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सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनके पास निवास संबंधित दस्तावेज नहीं होने के करण उनका कोई इलाज नहीं हो रहा है और न ही इन परिवारों को वैक्सीन लग रही है. ऐसे में जोधपुर में कच्ची बस्तियों में रहने वाले पाक विस्थापित परिवारों में कोरोना के संक्रमण फैल रहा है. अधिकतर लोगों में कोरोना के लक्षण हैं. लोगों की मानें तो अभी तक ऐसे कोरोना लक्षण वाले करीब 4 से 5 लोगो की मौत हो चुकी है, लेकिन उनका इलाज करने वाला कोई नहीं. अब उनके लिए कोई सहारा है तो केवल भगवान का.
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पाकिस्तान से पलायन कर पाक विस्थापित हिंदू परिवार हजारों की संख्या में जोधपुर शहर और आस-पास में निवास कर रहे हैं. इन पाक विस्थापित हिंदू परिवारों के पास हिंदुस्तान में रहने का कोई दस्तावेज नहीं है. ऐसे में इस कोरोना महामारी में दस्तावेज के अभाव में ना तो इनका कोई इलाज हो रहा है. यही नही इन परिवारो को वैक्सीन भी नही लगाई जा रही है.
पाक विस्थापितों की मानें तो बस्ती में सैकड़ों लोग बीमार है, जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं. यहां तक कि ऐसे लक्षण वाले करीब 4 से 5 लोगो की मौत भी हो गई लेकिन इलाज नहीं मिलने से इन परिवारों के लिए कोरोना महामारी में अपने परिवार को बचाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. पाक विस्थापित परिवार केंद्र और राज्य सरकार (Rajasthan Government) से परिवार को बचाने की गुहार लगा रहे हैं ताकि उनका परिवार भी इस कोरोना महामारी में बच सके.
क्या कहना है पाक विस्थापितों का
जोधपुर के डालीबाई मंदिर इलाके में रहने वाले पाक विस्थापितों की मानें तो इस बस्ती में भी लगभग सभी लोग बीमार है, लेकिन उनकी मजबूरी यह कि कोई हिंदुस्तान में रहवास के दस्तावेज नहीं होने के कारण इस महामारी में उन्हें इलाज तक नही मिला रहा. न ही कोई सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है. ऐसे में उनके सामने इस संकट की घड़ी में परेशानी और बढ़ गई. अब वह करे तो करे किया. इनके सामने अब जीवन का संकट खड़ा हो गया है. अब पीड़ित परिवार केंद्र और राज्य सरकार से जीवन बचाने की गुहार लगा रहे हैं.
Reporter- Bhawani bhati