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Barmer: बाड़मेर में मिस्त्री रमजान कोरोना मरीजों के लिए फरिश्ता बनकर आया. अपने हुनर से देसी जुगाड़ बना कर बाड़मेर जिले में भर्ती सैकड़ों कोरोना मरीजों की जान बचा ली. दरअसल, कोरोना संक्रमण मरीजों के लिए ऑक्सीजन प्लांट में 10 टन लिक्विड ऑक्सीजन टैंकर पचपदरा प्लांट पहुंचाया.
वहीं, क्रायोजेनिक स्टोरेज टैंक में लिक्विड खाली करने के लिए जब टैंकर को लगाया गया तो पता चला लिक्विड ऑक्सीजन खाली करने का एमएस पाइप कहीं रास्ते में खो गया है, जिसके बाद जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य व परिवहन विभाग के हाथ-पांव फूल गए.
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इधर, जब इस बात की सूचना राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को हुई तो वह तुरंत पचपदरा ऑक्सीजन प्लांट पहुंचे और परिवहन विभाग के अधिकारियों को तकनीकी मिस्त्री बुलाकर टैंक खाली करवाने के निर्देश दिया. जिसके बाद आनन-फानन में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बाड़मेर जिला मुख्यालय संपर्क कर तकनीकी मिस्त्री रमजान के पास पहुंचे तो रमजान ने बिना किसी देरी के ही कोरोना मरीजो जान बचाने ऑक्सीजन लेकर आए.
टेंकर को खाली करवाने के लिए पाइप व अन्य तकनीकी सारा सामान लेकर पचपदरा ऑक्सीजन प्लांट पहुंचा और करीब 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वेल्डिंग मशीन की सहायता से देसी जुगाड़ कर नया पाइप तैयार किया गया . साथ ही, ऑक्सीजन टैंकर को क्रायोजेनिक स्टोरेज टैंक में खाली करवाया जिसके बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी सहित जिला प्रशासन व परिवहन विभाग सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली.
समय रहते रमजान की सूझबूझ व देसी जुगाड़ से ऑक्सीजन टैंकर क्रायोजेनिक स्टोरेज में खाली हो गया नहीं तो ऑक्सीजन सप्लाई ठप हो जाती और बिना ऑक्सीजन के अस्पतालों में भर्ती सैकड़ों कोरोना के गंभीर मरीजों की जान चली जाती.
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वहीं, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने रमजान का शुक्रिया अदा करते हुए ट्वीट कर लिखा, ‘आज पचपदरा स्थित ऑक्सीजन प्लांट में लिक्विड ऑक्सीजन का एक टैंकर समय पर पहुंच गया लेकिन टैंकर से क्रायोजेनिक स्टोरेज टैंक में डालने वाले एमएस पाइप के टैंकर से कहीं गिरने के कारण क्रायोजेनिक स्टोरेज में आपूर्ति होने में काफी समय लगा और अंत में बाड़मेर से एक तकनीकी मिस्त्री को बुलाया गया, जिनके अनुभव और सूझबुझ से देशी जुगाड़ करके क्रायोजेनिक स्टोरेज में ऑक्सीजन रीफिल किया गया.’
मंत्री ने आगे लिखा, ‘इसके लिए मिस्त्री रमजान और परिवहन विभाग के निरीक्षक सोहनलाल प्लांट के तकनीकी सहायक सोनू और गौतम सहित इसमें प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी बंधुओ को साधुवाद.आज आपके अनुभव और सक्रियता से कई मरीजों की जिंदगिया बच गयी.’
(इनपुट-भूपेश आचार्य)