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Bettiah: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में पश्चिम चंपारण (Pashchim Champaran) में कोरोना संक्रमितों (Coronavirus Cases) की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. जिले के कई गांवों में कोरोना काफी तेजी से फैल रहा है. यही वजह है कि जिले में मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. शव जलाने में भी लोगों को परेशानी हो रही है.

आलम यह है कि पश्चिम चंपारण जिले में एक भी विद्युत शवदाह गृह (Electrical Crematorium) नहीं है, जिसके कारण अस्थाई श्मशान घाट पर ही लोग शव जलाते हैं. प्रशासनिक लापरवाही के कारण अस्थाई रूप से बनाया गया श्मशान घाट भी ध्वस्त हो गया है.

इसी वजह से जिले के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कुछ ऐसा ही नजारा बेतिया के मझौलिया प्रखंड में देखने को मिल रहा है, जहां सरकार की महत्वाकांक्षी योजना धूल में मिल गई है.

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दरअसल, मझौलिया प्रखंड के बखरिया पंचायत के राजघाट पुल के समीप प्रखंड प्रशासन के द्वारा दाह संस्कार के लिए मुक्ति घाट बनवाया  गया था लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधि के मिलीभगत के कारण एक ही दिन के बारिश में लाखों की योजना मिट्टी में मिल गई.

जब पूरा देश इस महामारी से गुजर रही है और लोग शवदाह गृह में घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं तो वहीं मझौलिया के बखरिया में श्मशान घाट के ध्वस्त हो जाने के बाद लोग बगल में ही किसी तरह शव जलाने को मजबूर हैं.

लाखों की लागत से मुक्ति घाट का निर्माण कराया गया शेड भी बनवाया गया लेकिन एक ही झटके में सारी योजना ध्वस्त हो गया है. इससे शवों को जलाने के लिए यहां आने वाले लोगों की समस्याएं बढ़ गई है.  
(इनपुट: इमरान)