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Bettiah: कोरोना (Corona) माहमारी की दूसरी लहर ने लोगों से उनका काम धंधा छिन लिया है. वहीं, कितने लोगों की जिन्दगी छिन ली और हर तरफ इस माहमारी ने कोहराम मचा रखा है.  ऐसे में इस माहमारी के कारण भीख मांगकर गुजारा करने वाले नेटुआ समाज के लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है. 

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इसको लेकर इस समाज के लोगों ने सरकार से रोजगार देने और भूखमरी से बचाने की गुहार लगाई थी. इधर, प्रशासन ने इन लोगों की गुहार को सुनी और अब इन लोगों के लिए काम भी मुहैया करा दिया है. इससे इनके मायूस चेहरों पर खुशी लौट गई है. बेतिया के गंडक दियारा स्थित योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र से यह अच्छी खबर आई है.  

योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के बासोपट्टी पंचायत के वार्ड नम्बर 11 रसूलपुर में दर्जनों की संख्या में नेटुआ महादलित परिवार के लोग रहते हैं. इनका गुजारा भीख मांगकर हीं चलता था. लेकिन कोरोना माहमारी के कारण जब लॉकडाउन लगा तो इनका घर से निकलना मुश्किल हो गया. इससे परिवार के भरण-पोषण की समस्या आफत बनकर इन लोगों पर टूट पड़ी.

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इसके बाद इस समाज के लोगों ने मीडिया के माध्यम से अपना दर्द प्रशासन तक पहुंचाया. इसका असर हुआ कि महज 12 दिन के अन्दर हीं जिला प्रशासन ने इनकी समस्या का ना सिर्फ समाधान किया बल्कि इनके लिए काम का जुगाड़ भी कर दिया. इससे इनके चेहरे की खुशी फिर लौट गई है और अब भीख मांगने के बजाए ये लोग मेहनत कर जीवन की गाड़ी को सरपट दौड़ाने में जुट गए हैं. 

भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके लोगों ने अपना दर्द बयां किया तो उनकी आवाज प्रशासन तक पहुंची. फिर क्या था जब प्रशासन ने पहल की तो स्थानिए जनप्रतिनिधियों ने भी इनकी मदद के लिए प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने लगे. प्रशासन ने रोजगार मुहैया कराया तो स्थानिए जनप्रतिनिधियो ने इन लोगों के लिए राशन का इंतजाम किया. इसके साथ ही काम धंधा चौपट होने के साथ हीं भीख मांगकर गुजारा करने वाले लोगों को अब 198 रुपए की दर से प्रतिदिन कमाई का जरिया मिल गया है. 

(इनपुट-इमरान अज़ीज)