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Patna: कोरोना की दूसरी लहर के बीच लोगों को सबसे ज्यादा उम्मीदें एक बार फिर से डॉक्टर से थी. लेकिन इन सबके बीच इस बार राज्य में डॉक्टर भी कोरोना का शिकार हुए है. बीते दो महीनों में केवल बिहार में 2478 लोगों की मौत हो गई, जिसमे 96 डॉक्टर है. इतनी बड़ी तादाद में डॉक्टरों की हुई मौत ने बिहार के चिकित्सा जगत को हिलाकर रख दिया है. यही वजह है कि बिहार आईएमए ने मौत की जांच के लिए एक कमेटी के गठन कर दिया है.

ये लोग है जांच कमेटी में शामिल 

जांच के लिए 8 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, आईएमए के नेशनल प्रेजिडेंट इलेक्टेड डॉ सहजानन्द को जांच कमेटी के चैयरमैन बनाया गया है. इसके अलावा जांच कमिटी में डॉ.अजय कुमार ,डॉ. कैप्टन सिंह, डॉ. मंजू गीता मिश्रा, डॉ. बसंत सिंह, डॉ. डीपी सिंह, डॉ. राजीव रंजन और डॉ. सुनील कुमार को शामिल किया गया है.

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जांच कमेटी को जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. स्टेट सेक्रेटरी डॉ. सुनील को डॉक्टरों की मौत से जुड़े इनपुट्स उपलब्ध कराने के  निर्देश दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद आईएमए इसे सरकार को सौंपेगी, ताकि सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जा सकें. 

बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में देश में सबसे ज्यादा डॉक्टर की मौतें बिहार राज्य में हुई है. बिहार आईएमए की मानें तो जितने डॉक्टरों की मौत हुई है लगभग सभी ने वैक्सीन के दोनों डोज ले रखे थे. ऐसे में डॉक्टर्स के मन में भी अब सवाल उठ रहे हैं.