Patna: विधायक फंड के कोरोना उन्मूलन कोष में दिए जाने के फैसले पर गतिरोध बरकरार है. तेजस्वी यादव के विरोध के बाद सरकार के योजना विकास मंत्री विजेंद्र यादव ने पत्र लिखकर तेजस्वी को साफ कर दिया था कि सरकार अपने फैसले पर अटल है. लेकिन अब फिर से तेजस्वी ने पत्र लिख कर सरकार से अपना विरोध दर्ज कराया है.
तेजस्वी ने CM नीतीश कुमार को लिखा पत्र
योजना विकास विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव के पत्र का जवाब तेजस्वी ने दे दिया है. मंत्री विजेंद्र यादव ने पत्र लिखकर तेजस्वी के उस फैसले को सिरे से खारिज कर दिया था जिसमे तेजस्वी ने सरकार से मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना के तहत खर्च होने वाली राशि मे विधायको के सीधा हस्तक्षेप की मांग की थी.
तेजस्वी का आरोप था कि कोरोना उन्मूलन के नाम पर बने कोष में सरकार क्षेत्रीय विकास योजना से जुड़े विधायको का सारा फंड ट्रांसफर तो करती है लेकिन उसका सही इस्तेमाल नही हो पा रहा है.
इस वजह से तेजस्वी कर रहे हैं विरोध
तेजस्वी ने अपने ताजा लिखे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास निधि का इस्तेमाल क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने के उद्देश्य से होना चाहिए. लेकिन सरकार स्वास्थ्य बजट का ज्यादातर पैसा दो तीन शहरों में ही खर्च कर दे रही है. इस वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य विभाग का बजट 13 हजार करोड़ का है, जिसमें 2659 करोड़ रुपया सिर्फ शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च का प्रावधान किया गया है.
15 साल के कार्यकाल का मांगा हिसाब
तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि जब 15 सालो में आप कुछ नही कर पाएं हैं तो अब विधायकों के फंड को कोरोना उन्मूलन कोष में देकर क्या कर लेंगे. पिछली बार भी विधायको के ऐक्षिक कोष से पैसे तो लिए गए थे लेकिन जमीन पर ये खर्च नहीं हुए थे. बिहार के 28 जिले अभी भी ऐसे हैं जहां ना तो वेंटिलेटर की सुविधा है, ना ही ICU बेड्स की सुविधा है. इस जिलों के पास एम्बुलेंस भी नहीं हैं. ऐसे जिलों में ना तो स्वास्थ्य मंत्री अस्पतालों का निरीक्षण करते हैं और न ही अधिकारी. इसके लिए सरकार को जवाबदेह होना होगा.
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जबरन फंड ले रही है सरकार
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि विधायक अपनी जनता के लिए कुछ करना चाहते हैं. ऐसे में विधायकों की निधि और उनके अधिकार छीनकर जनता के मदद करने वाले हाथों को बांधा जा रहा है. तेजश्वी ने कोरोना उन्मूलन कोष को मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना के नाम पर विधायको से जबरन ली जाने वाली राशि बताया है. नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से एक बार फिर अपील की है कि सरकार विधायकों के इच्छानुसार उनके इलाके के अस्पतालों में ही उनके फंड की राशि खर्च करने दें.