News in Brief

Ranchi: झारखंड में कोरोनावायरस के बाद सरकार अब ब्लैक फंगस को पैन्डेमिक घोषित करने की दिशा में काम कर रही है. राज्य में अब तक ब्लैक फंगस के कुल 27 मामले सामने आ चुके हैं. तो वहीं, इस बीमारी के चलते पांच लोगों की मौत हो चुकी है. 

इधर, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने कोरोना और ब्लैक फंगस को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि ‘ब्लैक फंगस ऐसे लोगों में हो रहा है जिन्होंने कोविड के इलाज के दौरान स्टेरॉइड का इस्तेमाल किया था. इसके साथ ही डायबिटीज के मरीज और ऑक्सीजन के सहारे रह रहे लोगों में इसका असर ज्यादा देखा जा रहा है.’

उन्होंने आगे बताया कि ‘राज्य में ब्लैक फंगस के अब तक कुल 27 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से पांच की मौत हो गई है. सरकार इसे महामारी घोषित करने का काम कर रही है. इसके बाद जितने अस्पतालों में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों का इलाज होगा, उनके लिए अनिवार्य होगा कि वह इसकी सूचना राज्य सरकार को दें ताकि इसकी चिकित्सा के लिए सरकार के स्तर से सार्थक कदम उठाया जा सके.’

उन्होंने बताया कि ‘ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भारत सरकार से कुछ दवाइयां भी मिली है जो रिम्स को उपलब्ध कराई गई है. इसके साथ ही रिम्स में इसके लिए एक स्पेशल वार्ड डेडीकेट किया जा रहा है. ताकि स्पेशलिटी डॉक्टर ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों का इलाज कर सकें.’

ये भी पढ़ें- रूपा तिर्की हत्या मामले में CBI जांच की सिफारिश करे हेमंत सरकार, वरना कोर्ट का रूख करेगी BJP: बाबू लाल मरांडी

मुख्य सचिव का कहना है कि ‘इस बीमारी की दवाई लेने के लिए लोगों को इधर-उधर नहीं भागना है. ऐसा करने पर कुछ लोग उन्हें ठग भी सकते हैं. लोग अस्पताल के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर दवा हासिल कर सकते हैं. उन्हें निजी तौर पर दवा खरीदने की जरूरत नहीं होगी.’

इसके साथ ही सचिव ने कहा कि उन्हें कई दिनों से ऐसी शिकायतें मिल रही है कि निजी अस्पतालों के द्वारा मरीज के परिजनों का शोषण किया जा रहा है, सरकार ने इलाज के लिए जो रेट तय किए है उसका पालन नहीं किया जा रहा है. जिसके जवाब में सचिव ने कहा कि ‘इस मामले को लेकर बैठक हुई है. एक समिति का गठन किया गया है जो अगले 7 दिनों में एक प्रस्ताव देगी ताकि उचित दर का निर्धारण हो.’

‘अस्पताल को भी उचित दर मिल सके और मरीज पर भी लोड कम हो. इसको लेकर व्यवस्था की जाएगी. किसी भी मरीज को अगर अस्पताल से ज्यादा राशि चार्ज करने की शिकायत है तो वे शिकायत कर सकते हैं, अगर मरीजों से ज्यादा पैसा लिया गया तो पैसा हम वापस करवाएंगे.’

सचिव ने कहा कि ‘हम लोग सेकंड लहर से लोहा ले रहे हैं और तीसरी लहर की तैयारी कर रहे हैं. छोटे बच्चों के लिए रणनीति तैयार की जा रही है. कैसा इंफ्रास्ट्रक्चर हो, कैसी दवाई हो, क्या उपकरण हो, डॉक्टर हो इन सब पर काम हो रहा है. देश के प्रतिष्ठित चिकित्सक से सलाह मशवरा हो रहा है ताकि हम तीसरी लहर का मुकाबला कर सके.’