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Bokaro: झारखंड में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी वजह से राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह (Swasthya Suraksha Saptah) के तहत सख्ती अपनाया जा रहा है.

यही वजह है कि राज्य में लगाए गए ‘स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह’ (Swasthya Suraksha Saptah) के कारण बोकारो के दिहाड़ी मजदूरों, रेहड़ी दुकानदारों की रोजी-रोटी छीन गई है. ऐसे में कई परिवार को रोजी-रोटी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

इस्कॉन बोकारो के प्रबंधक जगरनाथ दास ने कहा कि बोकारो में कोई भी गरीब भूखे नहीं सोएंगे, उनके घर तक पहुंचाया जाएगा. दरअसल, कोरोना जैसी महामारी के कारण जहां एक तरफ लोग लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. वहीं, दूसरी ओर कुछ लोगों के घर तक राशन भी नहीं मिल पा रहा है. लेकिन बोकारो में कई ऐसे भी संगठन हैं जो लोगों के घर तक अनाज पहुंचाने का बीड़ा उठा रहे हैं.

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इस मामले में पहल करते हुए इस्कॉन बोकारो ने गरीबों, असहायों को मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है. इस्कॉन के प्रबंधक जगरनाथ दास द्वारा बोकारो के वैसे लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है जो परिवार चलाने में असमर्थ हैं.
जगरनाथ दास ने कहा कि कोई भूखे नहीं सोयेगा, घर तक अनाज पहुंचेगा. इस्कॉन के लोग दूसरे से सहयोग लेकर लोगों की भूख मिटाने में जुटे हुए हैं.

लॉकडाउन के बाद से बोकारो के दर्जनों गरीब परिवार के सामने भुखमरी का संकट उत्पन्न हो गया है. पिछले लॉकडाउन के दौरान कई संगठनों ने हाथ बढ़ाया था लेकिन इसबार इस्कॉन लोगों के लिए आगे आया है और लोगों के बीच चावल, दाल, आलू पहुंचा रहा है.

गौरतलब है कि राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की वजह से कारखाना व सभी तरह का काम बंद है. ऐसे में हर रोज कमाने-खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है.  

(इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा)