नई दिल्ली: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जब देश में चारों ओर मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे माहौल में क्या सरकारों को 12वीं की परीक्षाएं आयोजित करनी चाहिए? 

इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए आज रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाई पावर मीटिंग की जा रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्री भी शामिल हैं. बैठक में शामिल दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि अधिकतर राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने कोरोना के मौजूदा हालात को देखते हुए 12वीं की परीक्षा कराए जाने के खिलाफ राय दी है. 

मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘कहा जा रहा है कि कोरोना की अगर तीसरी लहर आएगी तो बच्चों को नुकसान पहुंचाएगी. दिल्ली सरकार किसी भी तरह की परीक्षा कराएं जाने के पक्ष में नहीं है. पहले बच्चों को वैक्सीन की डोज़ लग जाए उसके बाद परीक्षा लेना सुरक्षित हो जाएगा.’

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सूत्रों के मुताबिक देश में 12वीं के बोर्ड एग्जाम होंगे या नहीं, इसको लेकर केंद्र और राज्यों का मंथन अभी जारी है. सूत्रों का कहना है कि कुछ राज्यों ने फिलहाल Exam कराने से साफ़ मना कर दिया है. हालांकि कुछ राज्य शर्तों के साथ  एग्जाम कराने को तैयार हैं. फिलहाल परीक्षा पर अभी फाइनल फैसला नहीं हो पाया है.

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