रायपुर: भारत अभी तक कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave India) से उबर नहीं पाया है. देश की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी लॉकडाउन (Lockdown) या कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) के दायरे में सिमटी है. सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को पाबंदियों से छूट दी गई है. ऐसे में इन बंदिशों को प्रशासन लागू कराने की पूरी कोशिश कर रहा है.
कहीं अच्छे नतीजे सामने आए तो कहीं लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं. इस बीच छत्तीसगढ़ के सूरजपुर से एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसने कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण को रोकने में जी-जान से लगे प्रशासनिक अमले को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया.
पहले मोबाइल तोड़ कर पीटा फिर मांगी माफी
सूरजपुर जिले के कलेक्टर रणवीर शर्मा (Ranveer Sharma) ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान अपनी सरकारी ताकत का बेजा इस्तेमाल करते हुए एक बच्चे के साथ ऐसा व्यवहार किया कि पूरे देश में उनकी इस हरकत की आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया पर उनके चांटे की गूंज बहुत दूर तक सुनाई दी.
Chhattisgarh | In a viral video, Surajpur District Collector Ranbir Sharma was seen slapping a person and slamming his phone on the ground, for allegedly violating #COVID19 lockdown guidelines pic.twitter.com/z4l0zkdy7C
— ANI (@ANI) May 22, 2021
दरअसल सूरजपुर में कोरोना लॉकडाउन को लागू कराने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी लेकिन कलेक्टर होने की हनक में वो अपना आपा खो बैठे और जरूरी काम से बाजार आए एक बच्चे का पहले तो मोबाइल लेकर सड़क पर पटक दिया. इसके बाद उसे थप्पड़ मारा और पुलिस वाले से डंडे भी पड़वाए. बात निकली तो दूर तक गई और फिर कलेक्टर साहब को माफी मांगनी पड़ी.
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युवक के परिजनों का छलका दर्द
घटना के बाद जिस युवक के साथ डीएम ने अभद्रता की थी उसके परिजनों ने अपना दर्द बयां करते हुए नाराजगी जताई है. पीड़ित लड़के के पिता ने कहा कि उनकी पत्नी तथा उन्हें कोरोना वैक्सीन का टीका लगा है जिसके कारण उन्होंने अपने बेटे को बाहर दवा लेने भेजा था. उन्होंने बताया कि कलेक्टर ने जो उनके बेटे के साथ व्यवहार किया, वो तकलीफदेह हैं.
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