नई दिल्ली: कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने पूरे भारत में हाहाकार मचा रखा है. इस बीच जानकारी सामने आ रही है, कि कोरोना की दूसरी लहर 45 साल से कम कम उम्र के लोगों के लिए ज्यादा घातक साबित हो रही है. इनमें से ज्यादातर युवा पहले स्वस्थ जीवन जी रहे थे और उन्हें किसी भी तरह की गंभीर बीमारी भी नहीं थी. विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी वजह इस उम्र के लोगों का कोरोना वायरस के सामने ज्यादा एक्सपोज होना रहा.

आईसीयू में भर्ती होने वालों में युवाओं की संख्या ज्यादा

विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित युवा ज्यादा संख्या में आईसीयू तक पहुंचे और उनकी मौतें भी ज्यादा हुई. ये पैटर्न पूरे भारत में देखने को मिला, चाहे उस राज्य में कोरोना के मामले कम रहे हों या ज्यादा. जानकारी के मुताबिक कोरोना से होने वाली मौतों और आईसीयू में भर्ती लोगों की औसत आयु 50 साल से कम रही. 

क्या कहते हैं डॉक्टर? 

गुरुग्राम के आर्टेमिस अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट की डायरेक्टर डॉ रेशमा तिवारी ने बताया कि हम इस लहर में युवा वयस्कों की अधिक संख्या देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि 60 से 70 प्रतिशत मरीज 60 से कम उम्र के हैं, जिनमें से आधे से अधिक 45 से नीचे हैं. उन्होंने बताया कि आईसीयू में युवाओं की मृत्यु दर 20% के करीब रही. तमिलनाडु के जन स्वास्थ्य निदेशालय ने भी कुछ ऐसा ही डेटा जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि दूसरी लहर में बिना किसी गंभीर बीमारी के युवाओं की मौत ज्यादा हुई है. अब इसकी तीन मुख्य वजहें सामने आ रही हैं.

पहली वजह: हैप्पी हाईपोक्सिया

युवाओं की मौत की सबसे बड़ी वजह हैप्पी हाईपोक्सिया रही. यानी ऑक्सीजन की अचानक से कमी और फिर तेजी से जान बचने की संभावना के गिरते जाना. पटना के एक अस्पताल में भर्ती सभी 47 मरीज 30-35 उम्र के हैं.

दूसरी वजह: वैक्सीनेशन की कमी

पूरे देश में अभी भी पूरी तरह से 45 वर्ष तक के लोगों को वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा इस वर्ग के लोग पूरी तरह से एक्सपोज रहते हैं. चूंकि घर चलाने के लिए इन्हें ही बाहर निकलना होता है. ऐसे में कोरोना ने इस आयु वर्ग के लोगों पर सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. 

तीसरी वजह: वायरस का म्यूटेशन

कोरोना वायरस लगातार खुद को म्यूटेट कर रहा है. कोरोना का नया स्ट्रेन इस आयु वर्ग के लोगों के लिए बेहद घातक सिद्ध हुआ है. चूंकि ये तेजी से फैल रहा है और संक्रमण के बाद बेहद कम समय में ही अपना असर दिखाना शुरू कर देता है.