नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) के सामने पूरा देश बेबस नजर आ रहा है. रोजाना सामने आ रहे नए कोरोना केस भी लाखों में हैं. कोरोना के दंश से रोज हो रही हजारों मौतों की वजह से कई शहरों में अंतिम संस्कार करने की जगह कम पड़ गई है. सिस्टम लाचार दिख रहा है.
ऐसे ही एक दुखद घटनाक्रम की बात करें तो कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित चामराजपेट (Chamrajpet) के श्मशान घाट पर शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए जगह की कमी की वजह से श्मशान के बाहर ‘हाउस फुल’ के साइनबोर्ड लगा दिए गए हैं.
राजधानी में हर जगह ऐसे हालात
इस श्मशान में लगभग 20 शव दाह संस्कार किए जा सकते हैं, यहां एक बोर्ड लगा दिया और कहा कि दाह संस्कार के लिए और शव नहीं लिए जाएंगे. दरअसल बेंगलुरु शहर में 13 शवदाहगृह हैं और सभी कोरोना के कहर की वजह से ऐसे हालात का सामना कर रहे हैं जहां परिजनों को अपने लोगों को अंतिम विदाई देने के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है.
कर्नाटक का कोरोना बुलेटिन
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में सोमवार को कोरोना संक्रमण के 239 मरीजों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 16,250 हो गयी है. इसी दौरान कोरोना के 44,438 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 16 लाख से भी ज्यादा हो गई है. वहीं रविवार को कोरोना के 37,733 नए केस सामने आए थे.
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इस तरह निकाला गया रास्ता
सरकार ने शहर के श्मशान घाट और कब्रिस्तान का बोझ कम करने के लिए बेंगलुरु के आसपास 230 एकड़ जमीन ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिक (BBMP) को आवंटित की गई है. वहीं बिगड़ती स्थिति के चलते परिवार के स्वामित्व वाले खेतों और भूखंडों में दाह संस्कार की अनुमति देने का फैसला भी किया गया है.
(इनपुट एएनआई से)
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