कोलकाता: देश के पश्चिमी राज्यों में आया ताकतवर तूफान अब तक 19 लोगों की जान ले चुका है. इस तूफान का नाम है ‘ताउ-ते’ (Tauktae Cyclone) है, जो अरब सागर से गुजरात तक पहुंच चुका है. इससे पहले कल गोवा और महाराष्ट्र के कुछ जिलों में इसका असर दिखा था और आज मुम्बई में भी इस तूफान का जबरदस्त असर देखने को मिला. यानी लोग पहले ही कोरोना वायरस से इतने परेशान थे और आज रही सही कसर इस तूफान ने पूरी कर दी.
चक्रवात ‘ताउ-ते’ की तबाही
‘ताउ-ते’ (Tauktae Cyclone) 10 बजे से 11 बजे के बीच गुजरात के पोरबंदर और भावनगर के आसपास टकराया और मंगलवार सुबह तक वहां इसका प्रभाव बना रहेगा. महत्वपूर्ण बात ये है कि गुजरात पहुंचने पर इस तूफान के दौरान हवा की गति 175 से 185 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है, जिससे समुद्री इलाकों में भारी नुकसान की आशंका है और इसका प्रभाव भी दिखने लगा है. पहले केरल और कर्नाटक में इससे भारी नुकसान हुआ. केरल में तूफान के कारण 7 लोगों की जान चली गई और कर्नाटक में तो 120 घर इसकी वजह से ढह गए और 4 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद तूफान गोवा पहुंचा.
ये राज्य हुए प्रभावित
तेज रफ्तार हवाओं और भारी बारिश की वजह से वहां 2 लोगों को जान गंवानी पड़ी और आज मुम्बई में लगातार कई घंटे तक बारिश हुई और समुद्री की ऊंची लहरों ने लोगों को डरा दिया. महाराष्ट्र में इसके कारण 6 लोगों की मौत हो चुकी है. आप इस नक्शे से इस तूफान की चाल और इसकी गति को समझ सकते हैं कि कैसे ये लोगों को डरा रहा है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तूफान का असर एक से दो दिन तक और बना रह सकता है. इस तूफान से जो राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, वो हैं केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात.
VIDEO
कई इलाकों की लाइट हो सकती है गुम
बड़ी बात ये है कि इन राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति अच्छी नहीं है. मुम्बई में तो आज कोरोना के मरीजों को कोविड केयर सेंटर्स से अस्पतालों में शिफ्ट करना पड़ा. मुंबई में आज कई जगहों पर टीकाकरण अभियान भी रोक दिया गया और मुंबई एयरपोर्ट भी बंद दिया गया और अहमदाबाद एयरपोर्ट सुबह 5 बजे तक बंद रहेगा. ऐसी आशंका है कि गुजरात के जिन इलाकों से तूफान टकराएगा, वहां और मुम्बई में इसका काफी असर दिखेगा. मुम्बई और उसके आसपास के जिलों में तूफान से निपटने के लिए कई अस्पतालों में Genrator की व्यवस्था भी की गई है. क्योंकि कोरोना के कारण पहले से ही अस्पतालों पर काफी दबाव है और अब तूफान की वजह से अगर बिजली चली जाती है तो कई मरीजों की जान भी जा सकती है.
तूफान के नाम किस आधार पर
इस तूफान को ‘ताउ-ते’ नाम म्यांमार ने दिया है और ये नाम वहां पाई जाने वाली छिपकली की एक प्रजाति का है. आप सोच रहे होंगे कि आखिर तूफान का नाम क्यों रखा जाता है और किस आधार पर रखा जाता है. इसलिये तूफान के नामकरण को लेकर अब हम आपको कुछ दिलचस्प बातें बताएंगे. ‘ताउ-ते’ तूफान से पहले भी टीना, कटरीना, रीटा, नरगिस और लैला जैसे नाम तूफानों के रखे गये हैं.
19वीं शताब्दी के आखिरी वर्षों में हुई शुरुआत
19वीं शताब्दी के आखिरी वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में एक व्यक्ति, Clement Wragge (रैग) ने समुद्री तूफानों को नाम देना शुरू किया था. बाद में इस व्यक्ति ने उन नेताओं के नाम पर तूफानों का नामकरण शुरू कर दिया जो उसे पसंद नहीं थे. हालांकि अब तूफान को नाम देने के लिये बहुत ही औपचारिक प्रक्रिया का पालन होता है. अब World Meteoro-Logical Organisation के तहत आने वाली 5 क्षेत्रीय संस्थाएं अपने-अपने इलाकों में आने वाले तूफान का नाम तय करती हैं. ये नाम पहले से ही तय होते हैं ताकि इसे लेकर लोगों को वक्त पर जानकारी मिल जाये और वो बचाव की तैयारी कर सकें.
LIVE TV