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Ranchi: झारखंड में अब कोरोना संक्रमण का दर घटने लगा है. अब से कुछ दिन पहले तक अस्पतालों में बेड के लिए अफरा-तफरी का माहौल था, लेकिन अब पूरे राज्य में स्थिति बिल्कुल उससे इतर है. झारखंड के अस्पतालों में मरीज कम हुए हैं, मौत की संख्या घटी है साथ ही ठीक होने वालों की संख्या अधिक हुई है. पूरे झारखंड के अस्पतालों में बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड बढ़ाए गए हैं. जिसके बाद अब 70 फीसदी तक बेड खाली हैं.

इधर, झारखंड के अपर मुख्यसचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार बताते हैं कि ‘संक्रमण का दर अब 4 फीसदी से नीचे आ गया है, जबकि अभी भी देश का संक्रमण दर 8 फीसदी है. एक समय ऐसा भी था जब यहां संक्रमण दर 20 से भी ज्यादा था.’

वहीं, रिम्स के अधीक्षक विवेक कश्यप का कहना है कि ‘ठीक 1 महीने पहले जब कोरोना की सेकेंड वेव स्टार्ट हुई, तब पूरे देश में कोई भी उस गति के लिए तैयार नहीं था जिस गति से संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही थी. लेकिन सरकार ने त्वरित निर्णय लेकर इस पर काम किया. कुछ अफरा-तफरी का माहौल भी बना, कई बार बड़ों की कमी की वजह से कई मरीजों को परेशानी भी हुई, तो वहीं कुछ लोगों की मौत भी हुई. लेकिन अब स्थिति कंट्रोल में है. यहां तक कि कई बेड खाली भी है.

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झारखंड में सभी अस्पतालों में कोविड से जुड़े 70% बेड खाली है. यह संकेत है कि जिस तरीके से संक्रमण की रफ्तार में गिरावट आई है, वैसे ही सभी अस्पतालों में अब दूसरी गंभीर बीमारी के भी इलाज जल्दी ही शुरू हो जाएंगे.’ 

रिम्स मल्टी स्टोरी पार्किंग में भी लगभग 300 के आसपास बेड बढ़ाए गए थे. लेकिन अब यहां भी बहुत से बेड खाली हैं. यहां की सुपरवाइजर अनुषा बताती है कि ‘अब पहले जैसी स्थिति नहीं है. संक्रमण घटा है जिसके चलते यहां पर बहुत से बेड खाली हो गए हैं.’

वहीं, रांची से बीजेपी विधायक सीपी सिंह भी मानते हैं कि झारखंड में लॉकडाउन का प्रभाव पड़ा है. आज के दिन झारखंड में भी संक्रमण के दर में कमी आई है. विधायक मानते हैं कि यदि यही रफ्तार रही तो झारखंड के लोग जल्द ही कोविड से निजात पा लेंगे. जबकि इस दौरान किसी भी प्रकार की ढिलाई इस संक्रमण को और बढ़ाने में मदद करेगी.’