अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) के एक कपल ने पांच महीने के अपने बेटे की दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये क्राउड फंडिंग (Crowd Funding) के जरिए जुटाए हैं. बच्चे के पिता राजदीप सिंह राठौड़ ने बताया कि बुधवार (5 मई) को मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया और अब उम्मीद है कि उनका बेटा ठीक हो जाएगा.
स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी से पीड़ित है बच्चा
गुजरात के महिसागर जिले के रहने वाले 5 महीने का यह बच्चा स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी से पीड़ित है, जो एक दुर्लभ आनुवंशिक रोग है. इसमें शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं और रोगी सांस भी नहीं ले पाता है. डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है.
जन्म से ही स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी पीड़ित है बच्चा
बच्चे के पिता राजदीप सिंह राठौड़ ने बताया कि मेरे बेटे जन्म के एक महीने बाद उन्हें लगा कि वह अपने हाथ-पैर नहीं चला रहा है. इसके बाद उसे हॉस्पिटल ले गए, जहां जांच में पता चला कि उसे स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी टाइप-1 है.
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एक इंजेक्शन है इस घातक बीमारी का इलाज
स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी बीमारी का इलाज केवल एक बार लगने वाला Zolgensma इंजेक्शन है, जिसकी कीमत करीब 22 करोड़ रुपये है. प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले राजदीप के पास इतने पैसे नहीं थे. इसके बाद उन्होंने लोगों से मदद मांगी और उन्होंने एक क्राउड फंडिंग से 42 दिनों में करीब 16 करोड़ रुपये जुटा लिए.
सरकार ने माफ कर दी कस्टम ड्यूटी
वैक्सीन की कीमत 22 करोड़ रुपये है, हालांकि इस पर सीमा शुल्क करीब 6.5 करोड़ रुपये लगता है. भारत सरकार ने वैक्सीन पर लगने वाली 6.5 करोड़ रुपयों की कस्टम ड्यूटी माफ करके इनकी राह और आसान कर दी. इसके बाद राजदीप सिंह राठौड़ ने उनकी मदद करने वाले सभी लोगों का आभार जताया है.
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