Patna: पटना हाईकोर्ट ने राज्य में करोना महामारी के मामले पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना मरीजों का जिलेवार ब्यौरा मांगा है. गौरतलब है कि चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं.
पोर्टल पर उपलब्ध होगा डाटा
इसको लेकर कोर्ट में राज्य सरकार के चीफ सेक्रेटरी और पटना के डिविजनल कमिश्नर ने जवाब दायर किया है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि ये ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध होगा. इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि सभी संबंधित अधिकारियों को रिकॉर्ड की जांच कर दस दिनों के भीतर कोरोना मरीजों का ब्यौरा मांगा गया है.
बक्सर के मुक्ति धाम का काफी महत्व
बक्सर जिले में शवदाह के मामले पर डिविजनल कमिश्नर ने कोर्ट को बताया कि बक्सर के मुक्ति धाम का काफी महत्व है इसलिए बक्सर के अलावा भोजपुर, रोहतास, कैमूर जिले व सटे गांवों से शवों का दाह संस्कार लोग करते हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई 1जून को की जाएगी.
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ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा
बिहार में ऑक्सीजन की रोजाना आपूर्ति का केंद्रीय आवंटन का कोटा 214 एमटी से बढ़ाकर 274 एमटी कर दिया गया है. शुरू में राज्य सरकार ने 400 एमटी की मांग की थी लेकिन सूबे में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों में भारी गिरावट को देखते हुए रोजाना आवंटन में 60 एमटी की वर्तमान बढ़ोतरी अभी पर्याप्त है. यह जानकारी स्वास्थ विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की ने पटना हाईकोर्ट को दी है.
केंद्र सरकार से 8 और टैंकरों की मांग
इसके अलावा सरकार ने कोर्ट को बताया कि रोजाना ऑक्सीजन के उठाव हेतु 10 से 20 एमटी के 12 टैंकरों अलावा, कई परिवहन एजेंसियों को लगाया गया है. केंद्र सरकार से 8 और टैंकरों की मांग की गई है.