नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पूर्व राज्यपाल जगमोहन मल्होत्रा (Jagmohan Malhotra) का निधन हो गया है. 94 वर्षीय जगमोहन ने सोमवार देर रात दिल्ली में आखिरी सांस ली. वह जम्मू कश्मीर के गवर्नर रहने के अलावा केंद्रीय मंत्री भी रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जगमोहन मल्होत्रा के निधन पर दुख प्रकट किया है. पीएम मोदी ने उनके निधन को देश के लिए एक बड़ी क्षति बताते हुए कहा है कि वे एक बेहतरीन प्रशासक और प्रख्यात विद्वान थे.

PM Modi ने किया Tweet

पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘जगमोहन जी का जाना देश के लिए बड़ी क्षति है. वह एक बेहतरीन प्रशासक और प्रख्यात विद्वान थे, उन्होंने सदा भारत की बेहतरी के लिए काम किया. मंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में नई नीतियां बनाई गईं’. बता दें कि जगमोहन पहली बार 1996 में लोकसभा के लिए चुने गए थे. बाद में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में शहरी विकास और पर्यटन मंत्रालय का भी जिम्मा संभाला था.

ये भी पढ़ें -West Bengal Violence: बंगाल के हालात पर BJP का 5 मई को देशव्यापी प्रदर्शन, TMC पर लगाए आरोप

दो बार बने J&K के राज्यपाल

जगमोहन दिल्ली और गोवा के उपराज्यपाल भी रहे थे. उन्होंने दो बार जम्मू-कश्मीर के गवर्नर का पद संभाला था. वह 1984 से 1989 तक और फिर 1990 में जनवरी से मई तक इस पद पर रहे थे. किसी जमाने में सख्त नौकरशाह के तौर पर राजधानी दिल्ली में पहचान बनाने वाले जगमोहन मल्होत्रा बाद में राजनीति में उतरे और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह मंत्री भी बने.

Amit Shah ने की थी मुलाकात

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भाजपा ने जब संपर्क अभियान शुरू किया, तो उस समय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जगमोहन मल्होत्रा से मिलने चाणक्यपुरी स्थित उनके घर पहुंचे थे. अमित शाह ने संपर्क अभियान की शुरुआत जगमोहन के साथ मुलाकात से की थी. जगमोहन को पहले कांग्रेस सरकार ने 1984 में राज्यपाल बनाकर भेजा था. पहली पारी के दौरान वह जून 1989 तक राज्यपाल रहे. इसके बाद वीपी सिंह सरकार ने उन्हें दोबारा जनवरी 1990 में राज्यपाल के रूप में भेजा.

पद्म विभूषण से हुए थे सम्मानित 

राज्यपाल रहते हुए जगमोहन ने घाटी में कई सख्त फैसले किए. आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन की भी रणनीति बनाई. कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार भी रोकने के लिए भी उन्होंने कई कदम उठाए थे. हालांकि उन्हें स्थानीय नेताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा था. जगमोहन मल्होत्रा को 1991 में पद्मश्री, 1977 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया था.