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Ranchi: कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने बस मालिकों की जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए हैं. तकरीबन 1 महीने से बसों के पहिए थमें हुए हैं और बसें बस स्टैंड पर खड़े रहने को मजबूर हैं.
इंश्योरेंस टैक्स और बैंक के कॉल से ओनर परेशान
रांची बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक, भले ही राज्य में बसों का परिचालन नहीं हो रहा है, लेकिन टैक्स संबंधित सभी चीजें सुचारू रूप से चल रही है. उनके मुताबिक, इंश्योरेंस टैक्स और फिटनेस के बोझ तले मालिक दब गए हैं. वहीं, दूसरी तरफ बैंकों से भी किश्तों को लेकर लगातार फोन आ रहे हैं.
अपने साथ-साथ स्टाफ की भी रोजी रोटी चलाना बनी आफत
एसोसिएशन के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से उन पर दोहरी मार पड़ी है. लॉकडाउन के कारण उन्हें अपने ही परिवार की रोजी-रोटी चलाने पर आफत बनी पड़ी है, तो दूसरी तरफ उनके बसों में चलने वाले स्टाफ की उम्मीदें भी उन्हीं पर टिकी हुई हैं. वह भी अपनी उम्मीद भरी निगाहों से इनकी तरफ ही देख रहे हैं.
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इंश्योरेंस टैक्स और बैंकों के कॉल से राहत की चाहत
एसोसिएशन का कहना है कि अभी बसें नहीं चल रही हैं, लेकिन तमाम तरीके के टैक्स चालू है इसीलिए सरकार से उनकी मांग है कि जो टैक्स का टाइमस्लाइव है उसमें कुछ छूट दी जाए.
वहीं, दूसरी तरफ जो बसें इंस्टॉलमेंट पर खरीदी गई हैं उनकी किश्त जमा करने के लिए लगातार बैंकों से कॉल आ रहे हैं. जिसके चलते सरकार से एसोसिएशन की मांग है कि कॉल को फिलहाल बंद करा दिया जाए ताकि बस ओनर मानसिक प्रताड़ना का शिकार होने से बच सकें.