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Munger: इस वैश्विक महामारी में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (पीएमबीजेके) लोगों के लिए कारागार साबित हो रहे हैं. केंद्र में सस्ते दामों पर दवाइयां, मास्क, सैनिटाइजर, आदि मिलने से यहां लोगों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है.

सदर अस्पताल स्थित इस केंद्र में अस्पताल आए मरीजों और शहर वासियों को सस्ते दामों पर दवा उपलब्ध हो जाती है. लेकिन केंद्र के प्रोप्राइटर को स्टॉक रूम नहीं मिलने के कारण दवाइयों की आपूर्ति नहीं हो पाती है जिससे लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं.

वहीं, औषधि केंद्र में दवाई लेने पहुंचे लोगों का कहना है कि ‘प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह की जन औषधि खोलने से लोगों को काफी फायदा हो रहा है. यहां पर बाजारों से सस्ते दामों पर दवाई मिल जाती है. लेकिन समस्या यह है कि केंद्र में स्टॉक नहीं रहने के कारण जितनी दवाई चाहिए उतनी नहीं मिल पाती है. जिसके कारण हमें केंद्रों पर बार-बार आना-जाना पड़ता है.’

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केंद्र में दवाई लेने पहुंची एक महिला ने बताया कि वो शुगर की दवाई लेने आई है. क्योंकि यहां बाजार से कम दामों में दवाइयां मिल जाती है. महिला ने बताया कि ‘दवाई सस्ती तो मिल जाती है लेकिन जितनी चाहिए उतनी नहीं मिल पाती जिस कारण यहां बार-बार आना पड़ता है.’

वहीं, भारतीय जन औषधि केंद्र के प्रोप्राइटर राकेश मंडल का कहना है कि ‘वैश्विक महामारी में जिले के लोग इसका फायदा उठा रहे हैं. लेकिन स्टॉक रूम नहीं मिलने के कारण लोगों के अनुसार दवाइयों की आपूर्ति नहीं हो पाती है.’

उन्होंने आगे कहा कि ‘पिछले साल हमने कोरोना काल में अस्पताल प्रबंधक को पत्र के माध्यम से कहा था कि केंद्र के लिए एक स्टॉक पॉइंट की आवश्यकता है. जिससे आम मानस को उनके हिसाब से दवाई दी जा सके. लेकिन 1 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अस्पताल द्वारा स्टॉक पॉइंट नहीं दिया गया है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.’

प्रोप्राइटर ने कहा कि ‘स्टॉक पॉइंट नहीं मिलने के कारण विभिन्न प्रकार की दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पाती है. जब तक स्टॉक पॉइंट नहीं होगा तब तक जन औषधि के अंदर विभिन्न प्रकार की दवाइयां नहीं मिल सकती हैं.’
   
(इनपुट- प्रशांत कुमार)