मुंबई: आज के समय मे किसी को कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus) होने की रिपोर्ट आ जाए तो आधी जान तो उसी वक्त निकल जाती है. वहीं अगर आक्सीजन लेवल 90 से नीचे गिरना शुरू हो गया तो फिर तो समझिये कि मरीज के साथ ही घर वाले भी टेंशन में आ जाते हैं. हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि अगर आदमी हिम्मत न छोड़े तो इस बीमारी को आसानी से हराया जा सकता है. ऐसा ही कुछ कारनामा गंगाघर बड़े ने किया है. वे 98 साल की उम्र में कोरोना को हराकर वापस घर लौटे हैं.
महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड़ (Beed) के चोपनवाड़ी गांव में अपने घर की सीढियां चढ़ रहे गंगाधर बड़े 98 साल की उम्र में कोरोना (Coronavirus) को मात देकर आए हैं. घर की सीढ़ियां चढने में भी वे किसी का सहारा नहीं ले रहे. वे छड़ी और दीवार का सहारा लेकर सीढ़ी चढ़ रहे थे.
पिछले महीने बुखार आना शुरू हुआ
परिवार वालों के मुताबिक अप्रैल महीने में गंगाराम को थोड़ा-थोड़ा बुखार आना शुरू हुआ तो घर वालों ने उनका कोरोना (Coronavirus) टेस्ट करवाया. कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट 21 अप्रैल को आई. जिसमे गंगाराम कोरोना पॉजिटिव पाए गए. उसके बाद सबसे पहले घर पर उनका इलाज शुरू किया गया.
घर पर इलाज से उनका एचआरसीटी स्कोर तो जीरो हो गया लेकिन बुखार कम नही हो रहा था. उनका ऑक्सीजन लेवल भी लगातार कम हो रहा था. ऐसा होते देख उन्हें पास के जंबो कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया. वहीं पर करवाए गए सीटी स्कैन में उनका स्कोर 9 आया और ऑक्सीजन (Oxygen) लेवल का गिरना भी जारी रहा. इसके बाद 26 अप्रैल को दूसरे अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
गंगाधर बड़े की बेटी कांताबाई कराड कहती हैं, ‘जब हमारे पिता जी की हालत खराब होने लगी तो हम उन्हें अंबे जोगाई के दवा खाने लेकर गए ,जहां उनकी तबियत 4-5 दिनों के बाद अच्छी होने लगी. फिर उन्होने खाना-पीना शुरू कर दिया और अच्छे हो गए.’
शरीर में कोरोना संक्रमण फैल चुका था
उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में जब उनके पिता की जांच की गई तो सीटी स्कैन स्कोर 18, एलडीएच, सीआरपी आईएल-06 आया. इसका मतलब ये था कि वे काफी ज्यादा संक्रमित हो चुके थे. वहीं पर उनका ऑक्सीजन (Oxygen) लेवल गिरकर 70 तक पहुच गया. इतना सबकुछ होने के बाद ही वे न तो परेशान हुए और ना ही हिम्मत छोड़ी. इसी का नतीजा रहा कि वे कोरोना को मात देकर घर लौट आए.
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गंगाधर के नाती रतन बड़े कहते हैं, ‘जब उन्हें दूसरे अस्पताल में एडमिट किया गया तो ऑक्सीजन (Oxygen) लेवल काफी कम हो गया था. फिर उन्हें ऑक्सीजन देने की जरूरत हुई. सीटी स्कोर भी 18 पर पहुच गया था. इसके बाद ऑक्सीजन का सपोर्ट और इलाज से वे कोरोना को मात दे पाए.’
कोरोना से नहीं घबराए पिता-पुत्री
गंगाधर बड़े का इलाज करने वाले डॉक्टर इरा ढमढेरे कहती हैं, ‘हमारे यहा एक दादा जी एडमित हुए थे. उनका ऑक्सीजन (Oxygen) लेवल 70 और सीटी स्कोर 18 हो गया था. हमने उनका इलाज किया. उनके साथ उनकी 70 साल की बेटी भी थी लेकिन दोनों जरा भी नही घबराए. दोनो की will power काफी मजबूत थी. डिस्चार्ज होने के बाद दोनो ठीक होकर घर चले गए.
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