Jaipur: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच पेंशनर दवाइयों के लिए परेशान हो रहे हैं. पेंशनर्स को डॉक्टरी परामर्श और दवाइयों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. दूसरी ओर राजस्थान पेंशनर समाज ने प्रमुख सचिव चिकित्सा को ज्ञापन देकर पेंशनर को मार्च 2021 से पहले की लिखी पर्ची के आधार और नजदीकी दुकान से दवाइयां लेने की छूट देने का आग्रह किया है.
प्रदेश में पेंशनर सिस्टम की बेज्जती का शिकार हो रहे हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार कोरोना से बचने के लिए लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने को कह रही है तो वही पेंशनर्स जीवन रक्षक दवाइयों के लिए भटक रहे हैं. सामान्य उपचार के लिए डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं. यदि डॉक्टर मिल रहे हैं तो दवाओं के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें-कोरोना से बचाव का Lockdown ही विकल्प, सभी राज्यों से PM करें नियमित संवाद: गहलोत
इधर, राजस्थान पेंशनर समाज ने प्रमुख सचिव चिकित्सा सिद्धार्थ महाजन से मांग की है कि पेंशनर स्कोर मार्च 2021 से पहले लिखी पर्ची के आधार पर दवा उपलब्ध कराई जाए. पेंशनर्स को ‘मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना’ उपभोक्ता संघ के साथ मान्यता प्राप्त निजी दवा की दुकान से भी दवा लेने की अनुमति दी जाए.
पिछले साल सरकार से मिली थी राहत
राजस्थान पेंशनर समाज के कार्यवाहक अध्यक्ष शंकर सिंह मनोहर का कहना है कि पिछले साल तत्कालीन एसीएस रोहित कुमार सिंह ने 10 अप्रैल 2020 को आदेश जारी किया था. आदेश में कहा गया था कि कोरोना के कारण सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों से परामर्श नहीं मिल पा रहा है. इसी तरह कोरोना के कारण अस्पताल नहीं जा रहे मरीजों को 1 फरवरी 2020 या उसके बाद डॉक्टर की पर्ची के आधार पर दवा दी जा सकती है. मरीज मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना सरकारी अस्पताल सीएचसी से दवा ले सकता है. यह आदेश लॉकडाउन के लिए दिए गए थे.
सरकार के आदेशों का इंतजार
वर्तमान में प्रदेश मैं पहले 15 दिन ‘जन अनुशासन पखवाड़ा’ फिर 15 दिन ‘महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा’ चल रहा है और अब 10 से 24 मई तक लॉकडाउन घोषित किया गया है. इधर, सरकारी आदेश जारी नहीं होने कारण पेंशनरों दवा के लिए डॉक्टर की सलाह के लिए भटकना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें-Covid की तीसरी लहर को लेकर CM Gehlot ने दिए बड़े निर्देश, बोले- डोर-टू-डोर हो सर्वे
राजस्थान पेंशनर समाज के कार्यवाहक अध्यक्ष शंकर मनोहर ने कहा कि 6 मई को राज्य के प्रमुख चिकित्सा सचिव को ज्ञापन देकर पिछले साल की तरह आदेश जारी करने का आग्रह किया गया था. मनोहर का कहना है कि सरकार की ओर से अभी तक आदेश जारी नहीं कर शेषनाथ को राहत नहीं दी गई है.