Jaipur: शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से होनहार राजस्थान वर्कशॉप एवं वेबीनार का आयोजन किया गया. वेबीनार का आरंभ कोरोना दायित्वों का निर्वहन करते हुए परलोक गमन करने वाले शिक्षाकर्मियों को मौन श्रद्धांजली देकर किया गया.
इस दौरान डोटासरा ने शिक्षाकर्मियों को कोरोना महामारी में उपजी प्रतिकूल परिस्थितियों में बच्चों की शिक्षा सतत जारी रखने हेतु प्रोत्साहित किया. वेबिनार में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ‘पिछले एक वर्ष में विभाग ने तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए प्रोजेक्ट स्माइल, आओ घर में सीखें अभियान, ई-कक्षा, हवामहल, कार्य पुस्तिका, शिक्षावाणी, शिक्षा दर्शन आदि नवाचारों से प्रदेश के विद्यार्थियों की पढ़ाई को बाधित नहीं होने दिया है.’
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उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने भी शिक्षा विभाग की कार्य पद्धति की प्रशंसा की है. विपरीत समय में विभाग ने प्लानिंग, समन्वय और क्रियान्वन की अदभुत क्षमताओं का परिचय दिया है.’ इसके साथ ही डोटासरा ने कहा, ‘कोरोना कि तीसरी लहर से बच्चों को संभावित खतरे को देखते हुए स्कूल नहीं खोले जा सकतें हैं तथा अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. अतः शिक्षा विभाग शिक्षण के अधिकतम कार्य ऑनलाइन संपादित किए जानें हेतु रोडमैप तैयार करे.’
डोटासरा ने कहा, ‘बच्चों को शिक्षित करने का कार्य इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण से कहीं ज्यादा आवशयक है तथा इसके लिये सभी आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे.’ डोटासरा ने साथ ही निर्देश दिए कि अन्य विभागीय कार्य जैसे विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें भी ऑनलाइन आयोजित करने के विकल्प पर विचार किया जाए.
शिक्षा मंत्री ने विभाग के कार्मिकों की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘शिक्षकों की भावना शानदार है तथा उन्होंने कोरोना काल में मिले सभी दायित्वों का उत्तम निर्वहन किया हैं. इसके लिए उन्होंने ग्रीष्मावकाश का भी त्याग किया. शिक्षाकर्मी कोविड संबंधित दायित्वों का निर्वहन करते हुए स्वर्गवासी हुए हैं, उनके सेवा संबंधी प्रकरणों और परिलाभों के निस्तारण यथासंभव शीघ्रता से किए जाएंगे तथा वर्तमान में कोविड दायित्वबद्ध शिक्षाकर्मियों का कोविड टीकाकरण शीघ्र सुनिश्चित किया जाएगा.
वहीं, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने आगामी सत्र हेतु शिक्षा विभाग की कार्ययोजना को लेकर कहा कि ‘आओ घर में सीखें’ अभियान के भाग-2 के अंतर्गत विद्यार्थियों की बुनियादी दक्षताओं पर ध्यान दिया जाएगा. रिमोट लर्निंग की संकल्पना के तहत अब वाट्सऐप के साथ साथ टीवी और रेडियो से भी पढ़ाई करवाई जाएगी. विद्यार्थिओं को नियमित रूप से होमवर्क एवं वर्कशीट्स उपलब्ध कराए जाएंगे.’
उन्होंने कहा, ‘शिक्षक हर हफ्ते विद्यार्थियों से फोन के माध्यम से जुड़ेंगे. लर्निग विथ प्रैक्टिस की संकल्पना के आधार पर होमवर्क को स्कूलों द्वारा स्थानीय स्तर पर प्रिंट करवाकर बच्चों को रिमोट चैनल के द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थयों को सप्ताह में एक बार 4 विषयों का होमवर्क दिया जाएगा तथा 6 से 12 के विद्यार्थियों को सप्ताह में 2 बार सभी विषयों का होमवर्क दिया जाएगा. स्माइल प्रोजेक्ट, ई-कक्षा, शिक्षा दर्शन आदि डिजिटल नवाचारों के माध्यम से अध्ययन करवाया जाएगा. वर्तमान परस्थितियों में विद्यार्थियों की मनोवैज्ञानिक आवश्यकतों को देखते हुए सभी शिक्षक विद्यार्थियों के साथ फोन पर अपने साप्ताहिक संवाद में सर्वप्रथम उनकी कुशलक्षेम के बारे में पूछेंगे.’
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संवाद के दौरान शिक्षक विद्यार्थियों को प्रतिदिन 2 घंटे अध्ययन के लिए प्रेरित करेंगे तथा अगले संवाद से पहले एक लर्निंग टास्क पूरा करने के लिए देंगे. स्वामी ने बताया की आगामी सत्र शुरू होने से पहले विद्यार्थियो को पाठ्यपुस्तकों का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा. वेबिनार में प्रमुख शासन सचिव, शिक्षा अर्पणा अरोरा ने विद्यार्थियों को हुए लर्निंग लॉस को न्यूनतम करने व पाठ्य सामग्री के त्वरित वितरण हेतु दिशा-निर्देश दिए.
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् के राज्य परियोजना निदेशक डा भंवर लाल ने होनहार राजस्थान अभियान के अंतर्गत किए गए नवाचारों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया और समग्र शिक्षा अभियान की योजनाओं के प्रभावी शीघ्र क्रियान्वन हेतु फील्ड अधिकारीयों को निर्देश दिए.