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Ranchi: झारखंड में कोरोना संक्रमण (Coronavirus case In Jharkhand) के बढ़ते चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह चलाया जा रहा है. इसके मद्देनजर सिर्फ एसेंशियल यानी जरूरी सामान वाले दुकानों को 2 बजे तक खुले रखने के आदेश दिए गए हैं. इसके बाद सभी दुकानों को बंद करने का आदेश है.

बावजूद इसके राजधानी में कई दुकानें खुली है, जिस पर छापेमारी कर पुलिस ने कार्रवाई की. लेकिन, इसके बाद भी शहर में कई दुकानें ऐसी हैं जो जिला प्रशासन के आदेश के बाद भी खोली जा रही हैं. इस मामले को देख एक आंख में काजल और एक आंख में सुरमा वाला मुहावरे चरितार्थ होते दिखता है. 

जिला प्रशासन द्वारा कुछ दुकानदारों पर कार्रवाई किए जाने पर लोगों ने सवाल उठाए हैं. दरअसल, लॉकडाउन के उल्लंघन की शिकायत पर कार्रवाई करने पहुंची पुलिस ने कुछ दुकानदारों पर कार्रवाई की. नगर सीओ के आदेश के बाद दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, आरोप है कि प्रशासन ने ही दूसरी तरफ कुछ दुकानदारों को बिक्री करने की छूट दी है.

ऐसे में कोरोना काल में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान रांची में दो तरह की तस्वीरें देखने को मिली. इसमें एक तरफ  कार्रवाई की जा रही थी और वहीं दूसरी तरफ की दुकानों में ग्राहक बेझिझक आराम से सामानों की खरीदारी कर रहे थे. 

दरअसल, स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के मद्देनजर एसेंशियल यानी जरूरी दुकानों को 2 बजे के बाद बंद करने का आदेश है लेकिन नियमों का उल्लंघन करने की शिकायत मिलने के बाद नगर सीओ के नेतृत्व में कोतवाली धारा प्रभारी ने अपने पूरे दलबल के साथ पहुंचकर छापेमारी की.

पुलिस जब एक बंद दुकान के अंदर गयी तो यकीनन सब चौक गए. दुकान के अंदर पहले से ही कई ग्राहक और दुकानदार मौजूद थे लेकिन दुकान के बाहर शटर गिरा था मानो दुकानें बंद हो. इसके बाद दुकानदार पर कार्रवाई हुई.

इसके अलावा, जिस दुकान में खुलेआम खरीद बिक्री हो रही है ऐसी कुछ दुकानों को जिला प्रशासन द्वारा बिक्री करने के लिए इसीलिए छूट दी गई है ताकि नौजात और प्रसूति महिला को कपड़े और जरूरी समान मिल सके.लेकिन, इन दुकानों में सिर्फ ऑनलाइन बिक्री करने की इजाजत दी है वह भी सिर्फ न्यू बोर्न बेबी और न्यू मदर के लिए लेकिन यहां पर जीरो से 8 साल के बच्चों के लिए कपड़े भी मिलते हैं और खिलौने भी.

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ऐसे में इन दुकानों पर भी कानून तोड़ा जा रहा है. लेकिन, पुलिस प्रशासन ने इन दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की. यही वजह है कि इस कार्यवाही पर स्थानीय लोग सवाल उठाते नजर आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन ने उन दुकानों को खोलकर ऑनलाइन बिक्री करने की इजाजत दी है जो महंगी दुकान यानी जो मां बाप अमीर हैं उनके लिए खरीदारी करने की छूट है जबकि अगर गरीब अपना तन ढकना चाहता है तो उस पर कार्रवाई होती है. 

एक दुकान में छापेमारी और दूसरे में छूट जब लोगों द्वारा यह सवाल उठाया गया तो इस मामले में नगर सीओ ने कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि, स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत नियमों का पालन कराने के लिए प्रशासन सख्ती जरूर बरत रही है लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा उठाए गए सवाल इस बात की तरफ जरूर इशारा कर रहे हैं कि कुछ चूक तो जरूर है क्योंकि महंगी दुकानों से खरीदारी करने की छूट अगर सही है तो आखिर गरीब को भी तन ढकने के लिए कपड़ों की खरीदारी करने की इजाजत मिलनी चाहिए.