Sirohi: जिला कारागृह सिरोही में सात दिन में कोरोना पॉजिटिव कैदियों की चिकित्सकों द्वारा एक बार भी जांच ना करने की कैदियों के परिजनों की शिकायत मिलने पर विधायक संयम लोढ़ा पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टांक के साथ जेल पहुंचे. लोढ़ा राज्य सरकार की ओर से गठित जिला कारागृह समिति के सदस्य भी हैं.
इस दौरान जेलर विलशन शर्मा ने बताया कि जिस दिन कैदी कोरोना पॉजिटिव आए थे, उस दिन ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विवेक कुमार जेल आए थे. उसके बाद कोई भी चिकित्सक इन कोरोना पॉजिटिव कैदियों की जांच करने नहीं पहुंचा एवं कैदियों के लिए दवाई भी जेल के बजट से क्रय की गई.
उन्होने बताया कि संक्रमित कैदियों को जेल में ही पृथक वार्ड में रखा जा रहा है. इनके नहाने व निवृत होने की व्यवस्था सवेरे 6 बजे की गई है. उनके बाद सामान्य कैदी स्नान इत्यादि करते है. नियमित भोजन के अलावा उन्हें हल्दी का दूध भी दिया जा रहा है. 51 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, इतने कैदियों को जिला चिकित्सालय में सुरक्षा देना संभव नहीं है. पॉजिटिव पाए गए कैदियो में हत्या के आरोपी भी है.
लोढ़ा ने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश कुमार को फोन किया और कोरोना पॉजिटिव कैदियो के संबंध में बात की. उनके रेवदर क्षेत्र में होने के कारण ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विवेक कुमार को मौके पर जिला कारागृह बुलाया. लोढ़़ा ने डॉ विवेक कुमार से पूछा कि इस तरह से इतनी बड़ी चूक कैसे हुई, 7 दिन में किसी चिकित्सक ने इन पॉजिटिव कैदियों की जांच नहीं की, कैदियो को पॉजिटिव आए सात दिन हो गए हैं.
एक डॉक्टर की ड्यूटी जेल में ही लगाएं
विधायक संयम लोढ़ा को जेलर विलशन शर्मा ने इस संबंध में गत पांच दिनो में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखे गए दो पत्र भी दिखाए. लोढा ने ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पाबंद किया कि एक चिकित्सक की अंशकालिक ड्यूटी जेल में लगाएं और इन पॉजिटिव कैदियों का नियमित परीक्षण सुनिश्चित करें. लोढ़ा ने जेलर से पूछा पॉजिटीव कैदी के ऑक्सीजन की समस्या होने पर क्या व्यवस्था की गई है. जेलर ने बताया कि महिला बैरक में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले कैदियों के लिए व्यवस्था की जा सकती है. अभी सभी महिला कैदी सुरक्षाकर्मियों के अभाव के कारण जोधपुर में शिफ्ट कर दी गई है.
कैदियों को मरीज समझकर करे देखभाल
विधायक संयम लोढा ने मौके पर मौजूद ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विवेक कुमार से कहा कि कैदियों को कैदी नहीं, मरीज समझकर देखभाल करें तभी हम अपने इंसानियत का फर्ज अच्छे से निभा पाएंगे. लोढा ने ब्लॉक CMHO से जेल में ऑक्सीजन सिलेंडर व Oxygen Concentrator की व्यवस्था करने को कहा, जिससे जरूरत पड़ने पर तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध करवाया जा सके.