कोलकाता: बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली (BCCI president Sourav Ganguly) ने बीते रविवार को कहा कि टीम इंडिया (Team India) अपने टॉप खिलाड़ियों के बिना जुलाई में सीमित ओवरों की सीरीज के लिए श्रीलंका (Sri Lanka) का दौरा करेगी.
विराट-रोहित नहीं जाएंगे श्रीलंका
टीम इंडिया (Team India) रेग्युलर कप्तान विराट कोहली (Rohit Sharma) और सीमित ओवरों के उपकप्तान रोहित शर्मा (Rohit) जैसे बड़े खिलाड़ी इस दौरे का हिस्सा नहीं होंगे क्योंकि वो इस वक्त इंग्लैंड (England) के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज की तैयारी कर रहे होंगे.
‘सीमित ओवर की सीरीज होगी’
सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हमने जुलाई के महीने में सीनियर पुरुष टीम के लिए सीमित ओवरों की सीरीज की योजना बनाई है जहां वो श्रीलंका (Sri Lanka) में टी20 इंटरनेशनल और वनडे मैच खेलेंगे.’
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क्या भारत की 2 अलग-अलग टीमें होंगी?
भारत की दो अलग-अलग टीमों के बारे में पूछे जाने पर गांगुली ने कहा कि सीमित ओवर्स की सीरीज में हिस्सा लेने वाली टीम इंग्लैंड दौरे पर गई टीम से अलग होगी. उन्होंने कहा, ‘यह सफेद गेंद (सीमित ओवरों) के स्पेशलिस्ट की टीम होगी. ये इंग्लैंड दौरे पर गई टीम से अलग होगी.’
कितने मैचों की सीरीज होगी?
बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली (BCCI president Sourav Ganguly) ने यह साफ किया कि क्रिकेट बोर्ड ने भी सीमित ओवरों के नियमित खिलाड़ियों को ध्यान में रखा है. श्रीलंका दौरे पर कम से कम 5 टी20 इंटरनेशनल और 3 वनडे मैचों की सीरीज हो सकती है.
इन खिलाड़ियों को रहना होगा तैयार
टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरा (India Tour of England) 14 सितंबर को खत्म होगा और आईपीएल के बचे हुए मैचों की योजना अभी बननी है. ऐसे में बीसीसीआई चाहता है कि शिखर धवन, हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, दीपक चाहर, युजवेंद्र चहल जैसे खिलाड़ी मैचों के लिए तैयार रहें.
‘जुलाई महीने का होगी सही इस्तेमाल’
बीसीसीआई के एक सूत्र ने दौरे के तर्क को समझाते हुए पीटीआई-भाषा से कहा, ‘बीसीसीआई के अध्यक्ष चाहते है कि हमारे सभी टॉप खिलाड़ी मैच के लिए तैयार हैं और चूंकि इंग्लैंड दौरे पर सीमित ओवरों की सीरीज नहीं है ऐसे में जुलाई के महीने का अच्छी तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है.’
सेलेक्टर्स के लिए फायदेमंद होगा टूर
सूत्र ने कहा कि जुलाई के महीने में भारतीय टीम के टॉप खिलाड़ियों का इंग्लैंड से आना मुमकिन नहीं होगा क्योंकि वहां क्वारंटीन का नियम काफी कड़ा है. तकनीकी तौर पर जुलाई के महीने में सीनियर टीम को कोई आधिकारिक मैच नहीं खेलना है. टेस्ट टीम आपस में मैच खेल कर प्रैक्टिस करेगी. ऐसे में भारत के सीमित ओवरों के विशेषज्ञों के लिए मैच अभ्यास का मौका देने में कोई नुकसान नहीं है. इससे चयनकर्ताओं को टीम की खामियों को भरने का मौका भी मिलेगा.
नए चेहरों को मिल सकता है मौका
इससे टीम को प्रयोग करने का मौका मिलेगा. लेग स्पिन के लिए चहल के विकल्प के तौर पर राहुल चाहर या राहुल तेवतिया को परखा जा सकता है. बाएं हाथ के तेज गेंदबाजी में चेतन सकारिया को आजमाया जा सकता है. यह भी देखना होगा कि देवदत्त पडिक्कल और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी मैच खेलने के लिए फिट है या नहीं. पृथ्वी शॉ का वनडे करियर परवान नहीं चढ़ा जबकि सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन जैसे बल्लेबाज टीम में अपना दावा मजबूत करने के लिए बेकरार हैं.