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Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना का संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों एवं युवाओं में भी काफी तेजी से फैल रहा है. मृत्यु की दर भी पहली लहर के मुकाबले बहुत अधिक है. विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका व्यक्त कर रहे हैं. इसे देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक बेड, ऑक्सीजन एवं अन्य संसाधनों की उपलब्धता के लिए मास्टर प्लानिंग करें. इससे लोगों को स्थानीय स्तर पर ही उपचार मिल सकेगा.

स्व-अनुशासन का पालन करे जनता
गहलोत शुक्रवार रात को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड संक्रमण, लॉकडाउन तथा संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस गति से संक्रमण फैल रहा है, उसमें बेहद जरूरी है कि सभी लोग स्व-अनुशासन में रहकर राज्य सरकार के जीवनरक्षा के संकल्प में सहयोग दें.

निर्धारित दरों पर लोगों को मिले उपचार
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे अपनी और अपनों की जीवनरक्षा के लिए 10 मई से लागू होने वाली लॉकडाउन की गाइडलाइन की पूरी तरह पालन करें. मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि निजी अस्पताल कोविड रोगियों से उपचार के लिए तय की गई दरों से अधिक वसूलें अस्पतालों में लगाए गए नोडल अधिकारी इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग करें कि रोगियों को निर्धारित दरों पर समुचित उपचार मिले. साथ ही ये रेमडेसिविर एवं ऑक्सीजन की उपलब्धता तथा जांच दरों के संबंध में आने वाली शिकायतों का भी त्वरित समाधान करने का प्रयास करें.

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वैक्सीनेशन तेजी से किया जाए
गहलोत ने कहा कि युवाओं को संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान को और गति दी जाए. केन्द्र सरकार से समन्वय कर वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी समारोह से अधिक जरूरी लोगों का जीवन बचाना है. ऐसे में मेरा सभी से अनुरोध है कि वे विवाह आदि समारोह को अभी स्थगित कर दें. क्योंकि संक्रमण के बढ़ने के पीछे एक बड़ा कारण ऐसे कार्यक्रमों में लोगों की भीड़ एकत्रित होना भी रहा है.

सरकार ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में जुटी
उन्होंने कहा कि शहरों के साथ-साथ गांवों में भी कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए जागरूकता अभियान को और मजबूत किया जाए. माइक, लाउडस्पीकर आदि के माध्यम से लगातार लोगों को जागरूक किया जाए.  गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार कोविड के प्रबंधन में संसाधनों को लेकर किसी तरह की कमी नहीं रख रही है, लेकिन ऑक्सीजन का आवंटन केंद्र सरकार के हाथ में है. आवश्यकता के अनुरूप आवंटन नहीं होने दूरस्थ स्थानों से उठाव में लगने वाले समय के साथ ही टैंकरों की कमी के कारण हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हम दिन-रात ऑक्सीजन के माकूल प्रबंधन के लिए जुटे हुए हैं.

विदेशों से मंगा रहे Oxygen Concentrator
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए तमाम उपलब्ध विकल्पों पर काम कर रहे हैं. विदेशों से ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर खरीदने के लिए विभिन्न स्तरों पर तेजी से प्रयास चल रहे हैं. वहीं, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि तीसरी और चौथी लहर की आशंका को देखते हुए हमें एक व्यापक रणनीति पर काम करने की जरूरत है. इसके लिए अल्पकालीन और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करना उचित होगा. उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में मॉडल सीएचसी स्तर पर ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम विकसित करने से इस महामारी से लड़ाई में बड़ी मदद मिलेगी.

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Oxygen Plant विकसित किए जाएं
चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर लगातार काम कर सकें, इसके लिए कोविड केयर सेंटरों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. उन्होंने स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन के प्लांट विकसित किए जाने पर जोर दिया. मुख्य सचिव निरजन आर्य ने बताया कि जिला कलक्टरों ने भामाशाहों आदि के माध्यम से करीब 1000 कंसन्ट्रेटर प्राप्त किए हैं. उन्होंने प्रदेश में ऑक्सीजन एवं वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया.

अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा तथा राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त  धीरज श्रीवास्तव ने ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की खरीद के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रूस से पहली खेप दिल्ली पहुंच गई है. प्रवासी राजस्थानियों, भामाशाहों, विभिन्न संगठनों आदि का भी हमें इस कार्य में सहयोग मिल रहा है.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव जलदाय सुधांश पत ने जीनोम सिक्यसिंग, ऑक्सीजन तथा रेमडेसिविर के आवंटन के बारे में जानकारी दी. प्रमुख शासन सचिव गृह  अभय कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की गाइडलाइन में लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं.