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मेरठ: उत्तर प्रदेश की जेलों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शासन ने एक बार फिर से विचाराधीन बंदियों और सजायाफ्ता कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है. मेरठ जेल से करीब 300 कैदियों और बंदियों को 2 महीने की अंतरिम जमानत पर छोड़े जाएंगे. हाई पावर कमेटी की ओर से जारी निर्देश पर जेल प्रशासन काम कर रहा है. जल्दी ही ये प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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सजायाफ्ता-विचाराधीन कैदियों के लिए अलग नियम
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ बीडी पांडे ने बताया कि जो विचाराधीन बंदी सात साल से कम सजा वाले अपराध में बंद हैं, उन्हें दो महीने की अंतरिम जमानत दी जाएगी. ऐसे बंदियों की संख्या करीब 230 है. बंदियों की स्क्रीनिंग की जा रही है. जिला जज मेरठ ने उनकी अंतरिम जमानत के आदेश भी कर दिए हैं. जमानत की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो जाएगी.

दो महीने की पैरोल पर छोड़ा जाएगा
बीडी पांडेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक के अनुसार, करीब 30 सजायाफ्ता कैदियों को भी दो महीने की पैरोल पर छोड़ा जाएगा. इसमें उन कैदियों को प्राथमिकता मिलेगी, जो 7 साल सजा वाले अपराध में बंद हैं या पूर्व में पैरोल पर छूटने के दौरान उनका आचरण अच्छा रहा हो. 65 या इससे अधिक उम्र वालों को भी पैरोल मिलेगी. इस दायरे में गर्भवती या गंभीर रोगों से ग्रसित महिलाएं भी हैं.

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कोरोना संक्रमण को देखते हुए निर्णय
बता दें कि जिला कारागार में वर्तमान में करीब 2600 बंदी हैं, जो तादात से कहीं ज्यादा हैं. विचाराधीन बंदियों की संख्या 2100 और सजायाफ्ता कैदियों की संख्या 500 है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल में बंदियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया गया है. विचाराधीन बंदी की प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है, जबकि सजायाफ्ता की प्रक्रिया शासन से अनुमति मिलने के बाद शुरू हो जाएगी.

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