

Patna: पटना हाईकोर्ट राज्य में बक्सर जिले में हुई मौतों को लेकर सुनवाई कर रही है. इस दौरान हाईकोर्ट ने जिले में मौत और श्मशान के विरोधाभासी आंकड़ों को देने पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था. जिस पर सरकार ने अपना जवाब दे दिया है.
सरकार ने दिया अपना जवाब
सरकार ने कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि वो सूबे के तमाम जिलों में कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों को फिर से वेरीफाई करवा रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि हर जिले में कोविड से जुड़ी मौतों के आंकड़े तमाम स्रोतों से सत्यापित करा कर 10 दिनों में रिपोर्ट दें.
इसके अलावा सरकार ने अपने जवाब में कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने पटना एम्स व आईजीआईएमएस के निदेशक सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल अधीक्षक और सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि अन्य स्रोतों से भी कोविड से हुई मौत के आंकड़ों की पड़ताल कर उन्हें अंतिम तौर पर सत्यापित करें.
सरकार ने बताया कि बक्सर के श्मशान घाट में जलती लाशों के सम्बंध में बताया कि गत 5 मई से 14 मई के बीच बक्सर श्मशान में जलीं 789 लाशों में सिर्फ 324 लाशें ही बक्सर से थीं, शेष अगल-बगल शाहाबाद क्षेत्र व अन्य जिलों की थीं. धार्मिक मान्यता के मुताबिक बक्सर को ‘दूसरा काशी’ माना जाता है इसलिए दाह संस्कार हेतु दूसरे जिला के लोग भी बक्सर आते हैं.
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इस दौरान कोर्ट को जानकारी दी गई कि इस साल बक्सर जिले के ही जिन निवासियों का उक्त मुक्तिधाम घाट पर अंतिम संस्कार हुआ है, उन आंकड़ों के अनुसार जनवरी में 754, फरवरी में 467, मार्च में 376 अप्रैल मे 675 और 1 मई से 16 मई के बीच 586 उन लाशों का दाह संस्कार हुआ जो बक्सर जिले से थी. इस मामले पर अगली सुनवाई 1 जून को होगी.