Muzaffarpur: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान अगर सबसे अधिक कोई परेशान हुआ है तो वह अन्नदाता किसान है. बिहार में लगे लॉकडाउन का असर सीधे तौर पर मुजफ्फरपुर के किसानों पर देखने को मिल रहा है.
जिले के मीनापुर प्रखंड के मझौलिया पंचायत के अस्तालकपुर सामुदायिक भवन के समीप गंज बाजार से मकसूदपुर जाने वाली सड़क पर स्थानीय किसानों ने दर्जनों कैरेट टमाटर सड़कों पर फेंक दिया. तस्वीरों में साफ देखा भी जा सकता है कि किस तरह फेंके गए टमाटर के ऊपर से ट्रैक्टर बाइक और राहगीर चल रहे हैं.
1 कैरेट में लगभग 25 किलो के आसपास टमाटर आती है. बाजार में एक कैरेट टमाटर की कीमत करीब साढ़े तीन सौ रुपये आती है लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद चुकी टमाटर की सप्लाई बाहर के मार्केट में नहीं हो रहा है. ऐसे में लोग ज्यादा घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. यही वजह है कि जो भी खरीदार गांव में आ रहा है उसके द्वारा मात्र 20 से 25 रुपये ही कीमत लगाया जा रहा है.
ऐसे में किसानों का कहना है कि जब लागत भी नहीं निकलेगा तो वह फसल उपजा कर ही क्या करें. फेंकने के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है. वहीं, कई किसानों ने बताया कि इस महामारी के चलते पता नहीं कितने लोग सड़क पर आ जाएंगे.
खासकर वैसे किसान जो महाजन से पैसा उठाकर खेती कर रहा है. उसके लिए तो यह समय काफी ज्यादा परेशान करने वाला है. इस समय शादी ब्याह का लगन बहुत रहता था. इससे कई गांव के लोग बाहर बाहर से आकर यहां से सब्जियां खरीद कर ले जाते थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब काफी कम लोग आ रहे हैं.
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मुजफ्फरपुर जिले का मीनापुर प्रखंड क्षेत्र में सबसे अधिक सब्जियों की खेती होती है यहां बड़े पैमाने पर किसान तरह-तरह की सब्जी की खेती करते हैं. किसान सब्जी बेचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं लेकिन अब आलम यह है कि जिससे किसानों का घर परिवार चलता था वह खुद के हाथों से उस सब्जी को सड़कों पर फेंक रहा है.
इतना ही नहीं पूरे प्रकरण का वीडियो बनाकर अपना रोष जताते हुए सोशल मीडिया पर वायरल भी किया है. बताया जाता है कि यह कल की वीडियो है जिसे टमाटर फेंकने के दौरान बनाया गया और फिर सोशल साइट्स पर वायरल किया गया है.
(इनपुट- मनोज)