मेरठ: पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र और आरएलडी (RLD) के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह (Ajit Singh) का आज निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे. उनके निधन से भारतीय राजनीति खासकर किसान राजनीति को गहरा धक्का लगा है. उनके बेटे जंयत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने उनके निधन की जानकारी सोशल मीडिया पर दी. उन्होंने लिखा चौधरी साहब नहीं रहे…
चौधरी साहब नहीं रहे!
pic.twitter.com/7cnLkf0c6K— Jayant Chaudhary jayantrld) May 6, 2021
गुरूग्राम के अस्पताल में हुआ निधन
जानकारी के अनुसार कोरोना के कारण उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ गया था जिससे उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई थी और इसी के चलते उनका निधन हो गया. चौधरी अजित सिंह का निधन हरियाणा गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में हुआ.
सपा के ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी
सपा के ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी गई है. पार्टी ने लिखा है, “राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष,पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह जी का निधन, अत्यंत दुखद! आपका यूं अचानक चले जाना किसानों के संघर्ष और भारतीय राजनीति में कभी ना भरने वाली जगह छोड़ गया है. शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना! दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान.
भावभीनी श्रद्धांजलि!
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष,पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह जी का निधन, अत्यंत दुखद!
आपका यूं अचानक चले जाना किसानों के संघर्ष और भारतीय राजनीति में कभी ना भरने वाली जगह छोड़ गया है।
शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना!
दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान।
भावभीनी श्रद्धांजलि! pic.twitter.com/auOAKKuFGq
— Samajwadi Party samajwadiparty) May 6, 2021
पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह के बेटे हैं अजीत सिंह
अजीत सिंह देश के पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह के बेटे हैं. उनका जन्म 12 फरवरी 1939 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ. लोकप्रिय जाट नेता के रूप में उनकी अलग पहचान थी. उनके परिवार में पत्नी राधिका सिंह और दो बच्चे हैं. अजीत सिंह के बेटे जंयत चौधरी राजनीति में हैं. जयंत चौधरी मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य हैं.
सात बार सांसद और कई बार केंद्रीय मंत्री
अजीत सिंह बागपत से सात बार सांसद और कई बार केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. अजीत सिंह का सियासी सफर 1986 से शुरू हुआ था. 1986 वह राज्यसभा सांसद बने. 1987 से 1988 तक लोकदल ए और जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे. 1989 में पार्टी का विलय कर जनता दलके महासचिव बने. 1989 में वह पहलीबार बागपत से संसद पहुंचे और वी पी सिंह सरकार में मंत्री बनाए गए थे.1998 में वह चुनाव हारे लेकिन 1999 में जीत के साथ वापसी की.
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अटल सरकार और यूपीए सरकार में मंत्री
साल 2001 से 2003 तक अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह कृषि मंत्री और 2011 में यूपीए सरकार के तहत नागरिक उड्डयन मंत्री भी रह चुके हैं. साल 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने मुजफ्फरनगर से चुनाव भी लड़ा था लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा. चौधरी अजीत सिंह जाटों के बड़े नेता माने जाते थे.
किया था आईआईटी खड़गपुर से बीटेक
चौधरी अजीत सिंह आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) से बीटेक कर चुके हैं. वह पेशे से कम्प्यूटर साइंटिस्ट थे. 1960 के दशक में आईबीएम (IBM) के साथ काम करने वाले पहले इंडियन में से एक थे.
22 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए गए अजीत सिंह
अजित सिंह 22 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए गए थे और उनके फेफड़े का इंफेक्शन तेजी से बढ़ रहा था. हालत खराब होने पर उन्हें हरियाणा के गुरूग्राम के मेदांता मेडिसिटी में शिफ्ट किया गया था. वहीं पर उनका इलाज चल रहा था.
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