Soorsagar: जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जहां एक युवक पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचा. वहीं, जांच में युवक के पेट में 50 से अधिक सिक्के होना पाया गया. यह देख डॉक्टर भी चौक गए, जहां एंडोस्कोपी की मदद से डॉक्टरों की टीम को सिक्के निकालने में सफलता मिली.
यह मामला जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग का है. शुक्रवार को एक 40 वर्षीय युवक पेट दर्द की शिकायत लेकर ट्रोमा सेंटर पहुंचा, जहां पेट की जांच कराने पर पाया गया कि युवक पेट में कुछ सिक्के हैं. यहां मामला गेस्ट्रोएंड्रोलॉजी से जुड़ा होने के कारण युवक को गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने कुछ अन्य जांचे की, जिसके बाद मरीज ने भी स्वीकार किया कि उसने कुछ सिक्के निगल लिए थे.
डॉक्टरों के मुताबिक मरीज अवसाद से ग्रसित था, जिसके कारण उसने कुछ सिक्के पूर्व में निगल लिए थे. जांच में पाया गया कि युवक के पेट में 50 से भी अधिक सिक्के थे, यह देख डॉक्टर भी चौक गए. गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ सुनील दाधीच ,विभागाध्यक्ष डॉ नरेंद्र भार्गव की विशेष टीम ने बिना ऑपरेशन कर एंडोस्कोपी की मदद से 2 दिन की कड़ी मेहनत के बाद युवक के पेट से सभी सिक्कों को बाहर निकाला.
डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर ऐसे मामले बच्चों से जुड़े हुए होते हैं, जहां अब तक का यह पहला ऐसा मामला है, जहां एक वयस्क के पेट में इतनी अधिक संख्या में सिक्के थे, जो बिना ऑपरेशन किए एंडोस्कोपी की मदद से उनको बाहर निकाला गया. इसके बाद युवक को शनिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया.
वरिष्ठ आचार्य डॉ सुनील दाधीच ने बताया कि विभागाध्यक्ष डॉ नरेंद्र भार्गव के साथ ही ड़ॉ. साबिर हुसैन, डॉ. सेवाराम, डॉ. राजेन्द्र सिंह भाटी, डॉ. विवेक, डॉ. अभिषेक और डॉ. बॉबी की विशेष टीम के संयुक्त प्रयासों से ही सफलता मिली है.
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क्या होती है एंडोस्कोपी
एंडोस्कोपी शब्द का मतलब अन्दर देखना होता है. अगर वहीं, चिकित्सीय भाषा में समझाया जाए तो यह एक गैर-शल्य प्रक्रिया है, जिसमें डॉक्टर खास तरह के उपकरणों का इस्तेमाल कर रोगी के शरीर के अंदरूनी अंगों का इलाज किया जाता है.
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