सूरत: कोरोना के बाद देश में अगर किसी एक बीमारी की बात सबसे ज्यादा हो रही है तो वो है ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस). जी हां, फंगस का वो रूप जो जानलेवा बन चुका है. इस बीमारी को लेकर लोगों में डर का माहौल है. इस बीच गुजरात के सूरत में ब्लैक फंगस का एक नया मामला सामने आया है. जिसमें फंगस मरीज के दिमाग तक पहुंच गया. ब्लैक फंगस से जुड़ा अपनी तरह का देश में ये पहला मामला है.

जानकारी के मुताबिक सूरत में एक 23 वर्षीय युवक के दिमाग में ब्लैक फंगस का इंफेक्शन देखने को मिला. डॉक्टरों का कहना है कि मरीज के दिमाग में ही इस इंफेक्शन का पता चला. बीमारी का पता चलने के बाद डॉक्टरों ने मरीज की सर्जरी की लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. सर्जरी के चौथे दिन मरीज की मौत हो गई. 

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डॉक्टर भी हैरान

इस मामले ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया है. डॉक्टरों का कहना है कि 23 वर्षीय युवक में सायनस के बजाय सीधे मस्तिष्क में फंगस का प्रभाव देखने को मिला. डॉक्टरों ने ये भी दावा किया है कि देश में यह पहला मामला है जिसमें ब्लैक फंगस मरीज के मस्तिष्क में देखने को मिला. 

14 साल के बच्चे में ब्लैक फंगस का पहला मामला

इससे पहले गुजरात के ही अहमदाबाद में एक 14 साल के बच्चे में ब्लैक फंगस का मामला सामने आया. कोरोना पॉजिटिव बच्चे की म्यूकरमाइकोसिस की रिपोर्ट पॉजिटिव आई जिसके बाद शुक्रवार को अहमदाबाद के ही एक अस्पताल में उसका ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के दौरान बच्चे के दायीं तरफ के दांत निकलने पड़े. बच्चों में ब्लैक फंगस का ये पहला मामला है. इसे लेकर डॉक्टरों ने भी चिंता जताई है. 

बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों में ब्लैक फंगस के अब तक 7,251 केस सामने चुके हैं जिसमें 219 लोगों की मौत हो चुकी है.  

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ब्लैक फंगस को लेकर हरकत में सरकार 

बता दें कि देश में बढ़ते ब्लैक फंगस के मरीजों के चलते उससे जुड़ी दवा की कमी देखने को मिल रही है. ऐसे में केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. सरकार ने इस बीमारी से निपटने के लिए शुक्रवार को कई बड़े कदम उठाने की घोषणा की. 

केंद्र सरकार ने देश में कोरोना महामारी के साथ ही बढ़ रही ब्लैक फंगस की दवाई बनाने के लिए 5 और नई कंपनियों को लाइसेंस जारी किए. देश में अब तक 5 कंपनियां Amphotericin B टीके का उत्पादन कर रही थीं. इनमें  Bharat Serum and Vaccines Ltd, BDR Pharmaceuticals, Sun Pharma, Cipla, Life Care Innovation शामिल थीं. वहीं Mylan Lab से इसकी दवाई आयात की जा रही थीं.