नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) के खिलाफ जंग में कनाडा (Canada) भी भारत (India) की मदद कर रहा है. कनाडा ने जरूरी साजोसामान की पहली खेप भेज दी है और आगे भी हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया है. भारत में कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल (Nadir Patel) ने हमारे प्रधान राजनयिक संवाददाता सिद्धांत सिब्बल (Sidhant Sibal) से इस संबंध में बातचीत की. उन्होंने कहा कि कोरोना को केवल तभी हराया जा सकता है, जब सब मिलकर इससे लड़ें.

सवाल: कनाडा ने भारत को किस तरह की सहायता भेजी है?
 

जवाब: हमारी पहली खेप शनिवार दोपहर को पहुंची थी. इसके अलावा, हम 350 वेंटिलेटर (Ventilators) और 25000 रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) भी भेज रहे हैं. कनाडा ने 1450 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर प्राप्त करने के लिए यूनिसेफ को योगदान दिया है, साथ ही हमने इंडियन रेड क्रॉस को भी $10 मिलियन उपलब्ध कराएं हैं, इससे भारत को अतिरिक्त साजोसामान प्राप्त करने में मदद मिलेगी. इतना ही नहीं, कनाडा के ओंटारियो और सस्केचेवान प्रांत की कुछ निजी कंपनियां भारत में सक्रिय हैं, वे भी इस जंग में अपना योगदान दे रही हैं.

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सवाल: क्या कनाडा से और सहायता की अपेक्षा की जा सकती है? 
 

जवाब: कनाडा से पहला शिपमेंट शनिवार को भारत पहुंच गया था. अगले कुछ दिनों में दूसरा शिपमेंट भी आने वाला है. मुझे हर रोज कनाडाई कंपनियों, संगठनों और लोगों के फोन आ रहे हैं, जो मदद करने की इच्छा रखते हैं. इसलिए आप निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में और सहायता की अपेक्षा रख सकते हैं.

सवाल: भारत और कनाडा कोविड संकट से कैसे लड़ रहे हैं. कनाडा में टीकाकरण अभियान कैसा चल रहा है? कनाडा 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों का टीकाकरण करने वाला पहला देश बन गया है, क्या इस बारे में आप कुछ बता सकते हैं?
 

जवाब: हम पिछले साल महामारी की शुरुआत से एक-दूसरे के संपर्क में हैं. हमारे विदेश मंत्रियों ने पिछले एक साल में कई बार बात की है, हाल ही में भी दोनों की बातचीत हुई थी. हमारे प्रधानमंत्रियों ने भी कनाडा और भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में कोरोना से निपटने के लिए सहयोग के तरीकों पर विचार-विमर्श किया है. दोनों देशों ने यह महसूस किया है कि किसी एक देश में कोरोना को मात देना काफी नहीं है. इस महामारी को पूरी तरह से केवल तभी हराया जा सकता है, जब सभी देशों में उसे मात मिले. इसलिए यह जरूरी है कि हम एक साथ मिलकर काम करें. 
फार्मा, वैक्सीन जैसे क्षेत्रों में भारत की तरफ से मिली मदद के लिए कनाडा उसका आभारी है. हम वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन पहल पर काम करना जारी रखे हुए हैं. जहां तक कनाडा में टीकाकरण अभियान की बात है तो वो बहुत अच्छा चल रहा है. हमारा अभियान विज्ञान और विज्ञान-आधारित दृष्टिकोण पर आधारित है. हमारे वैक्सीन प्रोटोकॉल में कोई भी बदलाव विज्ञान पर आधारित होता है, जिसे राष्ट्रीय सलाहकार समिति द्वारा अमल में लाया जाता है. 

सवाल: कोरोना वैक्सीन के पेटेंट में छूट पर कनाडा का क्या रुख है?
 

जवाब: हमने भी इस संबंध में बात की है. हमारे व्यापार मंत्री ने कुछ दिन पहले एक बयान भी दिया था. हमने पहले भी कहा है कि हम COVID-19 से मुकाबले के लिए सबके साथ खड़े हैं. जहां तक पेटेंट में छूट का सवाल है तो यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से इस पर कोई प्रस्ताव आता है, तो हम उसका स्वागत करेंगे. निश्चित रूप से, कनाडा सहित सभी देशों को इस पहल पर विचार करना चाहिए.