नई दिल्ली: देश कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर से बुरी तरह जूझ रहा है. संक्रमण और मौतों के बढ़ते आंकड़े भयावह हैं, जिसके चलते लोग जल्द से जल्द वैक्‍सीन लगवाना चाहते हैं. वहीं 18 साल से ज्‍यादा उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण करने की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद कई राज्‍यों से वैक्‍सीन की कमी होने की खबरें आई हैं. हालांकि अब देश को वैक्‍सीन के संकट से राहत मिल सकती है क्‍योंकि देश में रूस द्वारा विकसित की गई कोविड वैक्‍सीन (Covid-19 Vaccine) स्‍पूतनिक-वी (Sputnik-v) का उत्‍पादन शुरू होने वाला है. 

जुलाई से शुरू होगा उत्‍पादन 

देश में स्‍पूतनिक-वी वैक्‍सीन का आयात शुरू हो चुका है और इसकी एक खेप भी आ चुकी है. इस महीने के आखिर तक 30 लाख वैक्‍सीन और भारत पहुंच जाएंगे. हिंदुस्‍तान में छपी खबर के अनुसार मिशन कोविड सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही जैव प्रौद्यौगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेनु स्वरूप ने कहा है कि देश में इस वैक्‍सीन का उत्‍पादन जुलाई से शुरू हो सकता है. इसके लिए रेड्डी लेबोरेटरी, हेटेरो बॉयोफॉर्मा, विरचोव बॉयोटैक, स्टेलिस बॉयोफॉर्मा, ग्लैंड बॉयोफॉर्मा तथा पैनाशिया बॉयोटैक से बात चल रही है. 

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अभी 2 वैक्‍सीन लग रहे 

देश में चल रहे टीकाकरण अभियान के तहत फिलहाल 2 टीके- कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन लगाए जा रहे हैं. वहीं कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर कोविशील्ड और कोवैक्सीन को अपग्रेड करने को लेकर डॉ.स्‍वरूप ने कहा, ‘नए वैरिएंट्स की नियमित रूप से जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है. नए वैरिएंट पर वैक्‍सीन का क्‍या असर हो रहा है, इस पर भी अध्ययन किए गए हैं. शुरुआती नतीजे बताते हैं कि दोनों वैक्‍सीन नए वैरिएंट के खिलाफ कारगर हैं.’

शुरू हुए बच्चों के वैक्‍सीन के ट्रायल 

बच्‍चों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. डॉ.स्‍वरूप ने बच्‍चों के वैक्‍सीन को लेकर कहा कि बच्चों का प्रतिरोधक तंत्र अलग तरीके से कार्य करता है और यह वयस्कों की तुलना में मजबूती से प्रतिक्रिया देता है. फाइजर और मॉर्डना ने अपने टीकों के 12 से 18 साल और 6 महीने से 11 साल के आयु वर्ग के बच्चों के लिए दुनिया के कई देशों में ट्रायल शुरू कर दिए हैं. वहीं हमारे देश में भारत बॉयोटेक को बच्‍चों पर कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति दे दी गई है. इसके लिए 2-18 साल के बच्‍चों पर ट्रायल किए जाएंगे.

नाक से लिये जाने वाले वैक्‍सीन के ट्रायल भी शुरू 

भारत बायोटैक ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर नाक से लिया जाने वाला वैक्‍सीन तैयार किया है. खास बात यह है कि इस वैक्‍सीन का एक डोज ही काफी होगा. इसके प्री क्लीनिकल अध्ययन पूरे हो चुके हैं. इसके पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल हो चुके हैं. अब दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मिलने का इंतजार है.