नई दिल्ली: किसी के लिए फिल्में बनाना पैसे कमाने का जरिया होता है तो कोई फिल्मों को अपने लिये शोहरत हासिल करने का माध्यम बना लेता है. मगर ऐसे भी लोग होते हैं जिनके लिए फिल्में बनाना किसी जुनून से कम नहीं होता है. ऐसा ही जुनून जब निखिल प्रकाश (Nikhil Prakash) के जेहन पर छाया तो वो निकल पड़े अपने अंदर पल रही अलग-अलग कहानियों को अनोखे अंदाज में पेश करने के लिए और अपने सफर की शुरुआत उन्होंने अपने Short Film ‘सफर’ (Safar) के माध्यम से की.
उपन्यासकार के जीवन की कहानी
निखिल प्रकाश (Nikhil Prakash) यूं तो अपनी शुरुआत एक सॉफ्टवेयर बिजनस से की थी, लेकिन उनपर लोगों की जिंदगियों और समाज से जुड़ी कहानियां कहने का खुमार कुछ इस कदर छाया कि सिनेमा को हमेशा के लिए अपना हमसफर बना लिया और निकल पड़े फिल्मों की दुनिया के अनोखे ‘सफर’ पर. पिछले 18 सालों में ढेरों डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्में बनाने के बाद निखिल प्रकाश ने अब एक शॉर्ट फिल्म ‘Safar’ बनाई है जो एक उपन्यासकार की जिंदगी के सफर को बड़ी मार्मिकता के साथ पेश करती है.
एक ट्विस्ट से होगा बदलाव
‘सफर’ एक महिला उपन्यासकार ‘मीरा’ की संवेदनशील कहानी है जो बचपन में अपने साथ हुए दर्दनाक अनुभवों के चलते जिंदगी से किसी भी तरह की उम्मीदें रखना छोड़ देती है. जल्द ही उसका अगला उपन्यास भी प्रकाशित होनेवाला होता है मगर उसी दौरान उसकी मुलाकात एक रहस्यमयी किस्म की महिला से होती है. मुलाकातों और बातों के सिलसिले के दौरान दोनों जिंदगी को लेकर तमाम बातें करते हैं. मीरा अपनी जिंदगी में हुए हर हादसे के लिए ईश्वर को जिम्मेदार ठहराती है. खैर, अंत में जब दोनों अपने ‘सफर’ के लिए निकलते हैं तो एक मोड़ पर दोनों के साथ कुछ अजीब सा होता है.
फिल्मफेस्ट में मिली सराहना
ग़ौरतलब है शॉर्ट फिल्म ‘सफर’ ने ढेरों प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. इनमें गोल्डन स्पैरो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, रूस का ISAFF, उरूवट्टी इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल आदि का शुमार है. फिल्म का चयन स्वीडन फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड के लिए फाइनलिस्ट के तौर पर किया गया था. इसके अलावा फिल्म को लंदन शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के लिए नॉमिनी के तौर पर किया गया.
मिले अवॉर्ड्स
उल्लेखनीय है कि ‘सफर’ ने दुनिया भर के ढेरों पुरस्कार भी अपने नाम किये है. ‘सफर’ को इस्तांबुल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट शॉर्ट फिल्म के स्पेशल जूरी अवॉर्ड से नवाजा गया था तो GONA फिल्म फेस्टिवल में इसे भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म का खिताब हासिल हुआ था. गोल्डन लीफ इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म को महिलाओं पर बनी सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म का स्पेशल जूरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इनके अलावा, फिल्म को MOKKHO इंटरनेशनल फिल्म अवॉर्ड और गोल्डेन स्पार्रो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल मे सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म का पुरस्कार प्राप्त हुआ था. इस शॉर्ट फिल्म का निर्माण निखिल प्रकाश फिल्म्स के बैनर तले किया गया है.
50 से ज्यादा बना चुके फिल्में
निखिल प्रकाश ने अब तक 50 से अधिक डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्मों का निर्देशन किया है और उन्होंने अपने सफर की शुरुआत 2003 में की थी. उनकी अन्य कंपनियां – डिजिटल सिनेमैटिक्स और ग्रेट इंडिया शो सफलतापूर्वक कई प्रोडक्शन हाउसेज के लिए शॉर्ट फिल्मों और वेब शोज का निर्माण कर रही हैं.
बता दें कि बिहार के पटना शहर में जन्मे और फिर मुम्बई को अपनी कर्मभूमि बनानेवाले निखिल प्रकाश ‘ग्रेट इंडिया शो’ के बैनर तले लोगों को सिनेमा से संबंधित तकनीकी शिक्षा भी मुहैया कराते हैं. निखिल का मानना है कि हर वो शख्स जिसे फिल्में बनाने का जुनून है, उसे फिल्ममेकिंग का तकनीकी सीख मिलनी ताकि वो अपने जुनून के साथ पूरी तरह से न्याय कर पाए.