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Superman Puneet Issar: आज दुनिया के किसी भी कोने में बनी फिल्म की कहानी चुरा कर उसे ज्यों का त्यों बना देना आसान नहीं है. लेकिन एक दौर था, जब बॉलीवुड में तमाम विदेशी और हॉलीवुड फिल्मों को निर्माता-निर्देशकों ने जस का तस पर्दे पर उतार दिया. मजेदार बात यह कि 1987 में एक निर्माता ने हॉलीवुड के विश्व विख्यात किरदार सुपरमैन को तक बहुत हास्यास्पद तरीके से बॉलीवुड के आसमान में उड़ाया. जबकि इस किरदार पर अमेरिका की डीसी कॉमिक्स और वार्नर ब्रदर्स का कॉपी राइट है. लेकिन तब दुनिया में आज की रफ्तार से चीजें, सूचनाएं और फिल्में एक से दूसरी जगह नहीं पहुंचती थीं. इसी का नतीजा था कि फिल्म बनी भी और रिलीज भी हुई. हालांकि बॉक्स ऑफिस पर इसका कुछ नहीं हुआ.

पुनीत इस्सर बने सुपरमैन
सुपरमैन पर हॉलीवुड में कई एनिमेशन और लाइफ फिल्में बनी हैं और समय-समय पर भारत में रिलीज होती रही हैं. इस सुपर पावर कैरेक्टर ने हमेशा सबको आकर्षित किया है. बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं रहा. 1987 में निर्देशक बी. गुप्ता ने सुपरमैन बनाई थी. पुनीत इस्सर यहां सुपरमैन बने थे. धर्मेंद्र ने सुपरमैन के बायोलॉजिकल पिता का किरदार निभाया था, वहीं अशोक कुमार सुपरमैन के सौतेले पिता की भूमिका में थे. हालांकि यहां कॉपीराइट्स को ध्यान में रखते हुए किरदारों के नाम बदल दिए गए थे. फिल्म का वीएफएक्स बहुत खराब था. नतीजा यह कि इस फिल्म को लोगों ने नोटिस नहीं किया और यह बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुई. हालांकि इससे पहले 1960 में पी. जयराज जैसे चर्चित एक्टर को लेकर रिटर्न ऑफ सुपरमैन नाम से फिल्म बन चुकी थी. यह दोनों ही सुपरमैन की मेकिंग कॉपीराइट के खिलाफ थी.

सुपरमैन थी रीमेक
निर्देशक बी. गुप्ता की सुपरमैन किसी ओरिजनल कहानी पर बनी फिल्म नहीं थी. यह फिल्म हॉलीवुड की 1978 में आई फिल्म सुपरमैन का अन-ऑफिशियल रीमेक थी. उसी नाम से इसे रिलीज भी किया गया. सुपरमैन बने पुनीत इस्सर बाद में टीवी सीरियल महाभारत में दुर्योधन का रोल प्ले करके चर्चित हुए. पुनीत इस्सर वाली सुपरमैन की कहानी का सबसे मजेदार हिस्सा वह था, जब खलनायकों द्वारा बनाए धरती की तबाही के प्लान को बेकार करने के लिए सुपर मैन के पिता बने धर्मेंद्र अपने बेटे को समझाते हैं कि वह पृथ्वी को उल्टा घुमा दे, तो जो तबाही अभी तक हुई है, वह सब वापस ठीक हो जाएगी. ऐसा ही होता है, पर्दे पर दिखता है कि सुपरमैन पृथ्वी को उल्टा घुमा देता है और सारे टूटे पहाड़ अपनी जगह लौट जाते हैं, नदियों-समुंदर का पानी वापस पीछे चला जाता और गिरी हुई इमारतें वापस पहले की तरह खड़ी हो जाती हैं. फिल्म में मेकर्स ने जरा भी दिमाग नहीं लगाया और देखने वाले इन दृश्यों पर लोटपोट होकर हंसे.

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